हनुमानगढ़.कोरोना वायरस का असर पूरे विश्व में देखने को मिल रहा है. हनुमानगढ़ की बात करें तो यहां पर भी लोगों ने जनता कर्फ्यू और लॉकडाउन के मद्देनजर अपनी-अपनी दुकानें बंद रखकर कोरोना के खिलाफ जंग में समर्थन किया, लेकिन हनुमानगढ़ रेलवे स्टेशन की यहां बड़ी लापरवाही देखने को मिली.
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कोरोना वायरस को लेकर हनुमानगढ़ रेलवे प्रशासन कितना गंभीर है ये श्रीगंगानगर त्रिचनापल्ली ट्रेन पहुंचने पर पता लगा, जिसमें सैकड़ों यात्री यात्रा कर रहे थे, लेकिन हनुमानगढ़ रेलवे स्टेशन पर उनकी जांच में महज खानापूर्ति की गई. स्क्रीनिंग के नाम पर सिर्फ नाम पते लिखे गए और उनके हाथों पर मुहर लगाकर उनकी जांच को समेट दिया गया.
हनुमानगढ़ में रेलवे की बड़ी लापरवाही यहां पर मेडिकल टीम के पास ने तो जांच किट थी और ना ही टेंपरेचर जांचने के लिए कुछ. रेलवे की मेडिकल टीम के पास कोई भी उपकरण नहीं थे. उनसे जब इस बारे में सवाल किया गया तो उनका जवाब था कि वे यात्रियों की पल्स देखकर ही अंदाजा लगा लेंगे कि उनमें करोना वायरस के लक्षण है या नहीं.
सबसे गंभीर स्थिति तो तब देखने को मिली जब जंक्शन स्टेशन पर एक ट्रेन और पहुंची थी, जो कि जम्मू से आई थी. उसमें भी कुछ यात्री थे. उन्हें जांच के नाम पर दोबारा ट्रेन में बैठा दिया गया और अपनी इतिश्री कर ली. इस बारे में स्टेशन मास्टर के पास भी कोई जवाब नहीं था.
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हालांकि इस बारे में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जो लोग बाहर से आए हैं उनके नाम पते लिखे जा रहे हैं और उनके हाथों पर मोहर लगाई जा रही है और अगर वहां कोई संदिग्ध दिखता तो उसे आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता. इस ट्रेन में कोई भी ऐसा संदिग्ध नहीं आया है जो कि कोरोना से पीड़ित हो, लेकिन बड़ी बात यह है कि बिना किसी उपकरणों के कैसे पता लगा कि कोई भी कोरोना से संक्रमित है या नहीं.