डूंगरपुर: कोकापुर पंचायत के सुभाष कलाल, नीरा देवी कलाल, शंकरलाल यादव पीएम आवास योजना में की गई हेराफेरी की कहानी कहते हैं. बताते हैं कि कैसे अमानत में खयानत का खेल उनके साथ किया गया. जो कुछ भी आंकड़े उनके पास हैं उसके आधार पर ही बताते हैं कि गांव के मानिंदों को लाभ पहुंचाया गया.
असल जरूरतमंद और योजना के लाभ से वंचित पूरी कहानी बताते हैं. कहते हैं पंचायत की ओर से प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत वर्ष 2021-22 में 171 पात्र लोगों की सूची जारी की गई. ग्रामीणों के मुताबिक पंचायत इस सूची में गड़बड़ी की गई. सूची में वो लोग हैं जो विदेश में नौकरी करते हैं या फिर पहले से जिन लोगों के पक्के और आलीशान मकान हैं. ऐसे रसूखदारों के पास ऐशोआराम के सभी सामान मौजूद हैं.
यह भी पढ़ें- नियमों की उड़ाई धज्जियां, सागवाड़ा में स्कूल खोला...एक कमरे में बिठाए 50 से ज्यादा बच्चे
असल लाभार्थी ही वंचित!
अनुभव के आधार पर बताते हैं कि वास्तविक गरीब, कच्चे मकान में रहने वाले और मजदूरी करने वाले का नाम आवास योजना में नहीं है. साथ ही ऐसे लोग इस फेहरिस्त में हैं जो एक ही परिवार से हैं और उनके नाम पर 2 आवास आंवटित कर दिए गए हैं.
CEO से बयां किया दर्द, बोलीं- करेंगे जांच
ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला और जिला परिषद की सीईओ अंजलि राजोरिया के सामने पूरा हाल कह सुनाया. बताया कि आधे नाम संपन्न परिवारों से संबंधित लोगों के हैं. गुजारिश की है कि ऐसे लोगों के नाम सर्वे करवाकर हटवाएं जाए और जो वास्तविक गरीब और पात्र व्यक्ति है उसे इस योजना का फायदा दिलाया जाए. ग्रामीणों ने गांव में बने मॉडल तालाब निर्माण में भ्रष्टाचार सहित अन्य कार्यो में भी अनियमितता के आरोप लगाये है.