डूंगरपुर. शादी से पहले युवक-युवती के साथ घूमने जाने पर जुर्माना लगाने और रुपए नहीं देने पर समाज से बहिष्कृत करने का फैसला पंचों को भारी पड़ा है. पीड़िता की रिपोर्ट पर बिछीवाड़ा पुलिस ने अवैध तरीके से दबाव बनाकर दंड लगाने और समाज से बहिष्कृत करने वाले नाई समाज के 14 पंचों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. जहां से सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है.
परिवार को समाज से बहिष्कृत करना पंचों को पड़ा भारी, कोर्ट ने 14 आरोपियों को भेजा जेल
डूंगरपुर में एक परिवार को समाज से बहिष्कृत करने का फैसला पंचों को भारी पड़ गया. पीड़िता की रिपोर्ट पर बिछीवाड़ा पुलिस ने समाज के 14 पंचों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. जहां से सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है.
पुलिस के अनुसार कुरी देवी नाई निवासी बिछीवाड़ा ने रिपोर्ट में बताया कि उसके बेटे की सगाई देवल निवासी मुकेश नाई की बेटी से हुई थी. इसके बाद उसका बेटा और अपनी मंगेतर के साथ घूमने के लिए पिछले साल जयपुर गए थे. यह बात समाज के कुछ लोगों को नागवार गुजरी और उन्होंने शादी से पहले दोनों के घूमने जाने को सामाजिक नियमों के खिलाफ बताया. और सामाजिक बैठक में 1 लाख 51 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया और राशि नहीं देने पर समाज से बहिष्कृत करने की धमकियां दी. बाद में जुर्माने की राशि घटाकर 1 लाख रुपए कर दी गई.
पीड़िता ने बताया कि पंचों द्वारा लगाए गए दंड में से 71 हजार रुपए की राशि उसने जमा भी करवा दी थी. और 29 हजार रुपए बाकी रह गए थे. पिछले साल उसके पति की मौत के बाद समाज के पंचों ने दंड के 29 हजार रुपए जमा नहीं कराने के कारण अंतिम संस्कार और मौत के दूसरे कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों पर 51 हजार रुपए दंड लगाने का फरमान सुना दिया. जिसके कारण कोई नहीं आया. वहीं उसके देवर की मौत पर भी परिवार के समाज बहिष्कृत होना बताकर किसी के शामिल नहीं होने का फरमान सुना दिया. इसके बाद पंचों ने समाज मे वापस लेने के लिए 5 लाख रुपए की मांग की.