धौलपुर. जिले के चंबल के बीहड़ और डांग क्षेत्र में टाइगर एवं पैंथरों का कुनबा बढ़ता जा रहा है. टाइगर्स की संख्या चार से पांच बताई जा रही है. वहीं पैंथर 20 से 25 की संख्या में बताए जा रहे हैं. मंगलवार को बसई डांग इलाके के गांव चंदीलपुरा के पास जंगल की पहाड़ियों पर टाइगर का मूवमेंट देखा गया. टाइगर की चहलकदमी की तस्वीर किसी ग्रामीण ने कैमरे में कैद की है. यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. वन विभाग ने टाइगर के पद चिन्हों पर तलाश शुरू कर दी है.
वन विभाग के डीएफओ किशोर कुमार गुप्ता ने बताया कि मंगलवार को डांग क्षेत्र में चंदीलपुरा गांव की आबादी के नजदीक पहाड़ियों पर एक टाइगर का मूवमेंट देखा गया है. टाइगर के मूवमेंट से ग्रामीणों में भारी दहशत देखी जा रही है. उन्होंने बताया कि चंबल के बीहड़ और डांग क्षेत्र में टाइगर और पैंथरों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. पैंथर एवं टाइगर्स की करौली के जंगलों से आवक होने के साथ वंश वृद्धि भी हो रही है.
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वर्तमान में टाइगर्स की संख्या 4 से 5 है, जो वन विभाग के कैमरों में ट्रैस हुई है. इसके साथ 20 से 25 पैंथर भी जंगलों में भ्रमण कर रहे हैं. हाल ही में बाड़ी इलाके में राम सागर बांध के पास पैंथर ने ग्रामीणों पर हमला भी किया था. उन्होंने बताया चंदीलपुरा के पास टाइगर के मूवमेंट से वन विभाग सतर्क हो गया है. आबादी में रह रहे लोगों को सुरक्षित रहने की नसीहत दी गई है. टाइगर के मूवमेंट पर वन विभाग द्वारा पैनी नजर रखी जा रही है. टाइगर के पद चिन्हों को आधार मानते हुए जंगल में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं.
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टाइगर्स और पैंथर्स में हो रही वर्चस्व की लड़ाई: चंबल के बीहड़ और डांग क्षेत्र में टाइगर और पैंथरों का कुनबा बढ़ने से वर्चस्व की लड़ाई भी देखने को मिल रही है. गत 12 फरवरी को सरमथुरा डांग क्षेत्र के झिरी गभव के नजदीक जंगलों में टाइगर और पैंथर में वर्चस्व की लड़ाई हुई थी. टाइगर ने पैंथर का शिकार किया था. इसके साथ ही टाइगर और पैंथर डांग क्षेत्र में रह रहे ग्रामीणों पर भी हमला करने से नहीं चूकते हैं. राज्य सरकार ने चंबल के बीहड़ और डांग क्षेत्र को सेंचुरी एरिया घोषित जरूर किया है, लेकिन वन्यजीवों के संरक्षण के लिए सुविधा एवं संसाधन धरातल पर दिखाई नहीं दे रहे हैं. ऐसे में हिंसक जानवर आबादी वाले क्षेत्रों में भी भटक रहे हैं.