धौलपुर.राजाखेड़ा सड़क मार्ग लंबे समय से बदहाली से जूझ रहा है. आलम यह है सड़क का पता नहीं चलता कि यहां सड़क कभी रही होगी. गहरे गड्ढे और धूल में वाहन चालकों को सफर तय करने में घंटों तक जद्दोजहद करनी पड़ती है. जिससे 50 किलोमीटर का सफर करीब 3 घंटे में तय किया जाता है.
लोगों ने बताया सड़क मार्ग को क्षतिग्रस्त जर्जर और जीर्ण हुए जमाने गुजर गए, लेकिन किसी भी राजनेता या प्रशासनिक अधिकारी ने इसकी मरम्मत कराने की जहमत नहीं उठाई है. जिला मुख्यालय से राजाखेड़ा उपखंड मुख्यालय तक पहुंचने के लिए 50 किलोमीटर का सफर काफी कष्टदायक बन गया है. सड़क मार्ग में इतने गहरे गड्ढे हो चुके हैं जिससे आए दिन वाहन चालक और राहगीर हादसों का शिकार हो रहे हैं. लोगों ने उम्मीद की थी सत्ता परिवर्तन के बाद सड़क मार्ग को बना दिया जाएगा और हालात सुधर जाएंगे लेकिन नतीजा 0% निकला.
प्रशासन ने मुंद रखी आंखें पिछले 5 वर्ष की बात की जाए तो 2 दर्जन से अधिक लोग हादसों का शिकार होकर जान से हाथ धो बैठे हैं. आपातकालीन स्थिति में आमजन के लिए यह सड़क मार्ग का सफ़र बहुत पीड़ा देता है. राजाखेड़ा से धौलपुर की दूरी अधिक होने पर नाजुक अवस्था के मरीजों को मजबूरी में आगरा ले जाना पड़ता है . जिससे आमजन में भारी आक्रोश बना हुआ है. लोगों का कहना है कि समस्या को लेकर राजनेता और प्रशासन के अधिकारियों को कई बार लिखित में देकर अवगत करा दिया लेकिन जिम्मेदारों ने इस और ध्यान देना भी मुनासिब नहीं समझा है. पीडब्ल्यूडी विभाग राजाखेड़ा सड़क मार्ग की तरफ देखता भी नहीं है. वर्षो का समय गुजर जाने पर भी पेच वर्क तक नहीं कराया है, जिससे लोगों को राहत मिल सके.
लंबे समय से राजाखेड़ा सड़क मार्ग जर्जर एवं जीण बना हुआ है जैसे लोगों की जाने जा रही है और हादसों का शिकार हो रहे हैं। लेकिन सत्ता में बैठे से शियाशी सिपहसालार आंख कान बंद किए हुए बैठे हैं। लिहाजा आम जन में भारी आक्रोश देखा जा रहा है।