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धौलपुर: चंबल की चपेट में 49 गांव, जिला कलेक्टर ने बुलाई आपात बैठक - धौलपुर जिला प्रभारी सचिव की बैठक

चंबल में पानी की आवक के कारण धौलपुर जिले की 14 ग्राम पंचायतों के 49 गांव प्रभावित हुए हैं. वहीं चंबल में पानी की आवक ओर अधिक बढ़ने की स्थिति में कुल 69 गांव प्रभावित होगें. चंबल के बढ़ते जल स्तर से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें काम कर रही हैं. वहीं आपात स्थिति में सेना को बुलाने के लिए अलवर मिलट्री यूनिट के साथ जिला प्रशासन सम्पर्क में है.

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Published : Sep 16, 2019, 12:27 AM IST

धौलपुर. राजस्थान के कोटा बैराज और काली सिंध नदी से चंबल नदी में छोड़े गए अतिरिक्त पानी के कारण चंबल नदी का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. चंबल नदी में पानी की आवक को देखते हुए जिला प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य के पुख्ता इंतजाम किए है.

जिला कलेक्टर ने बुलाई आपात बैठक

रविवार को जिला प्रभारी सचिव शुचि शर्मा, राज्य सरकार द्वारा भेजे गए वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अभय कुमार, जिला कलेक्टर नेहा गिरि और जिला पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने संयुक्त रूप से मीडियाकर्मियों के साथ प्रेसवार्ता कर राहत और बचाव कार्यों के संबंध में जानकारी दी.

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जिला कलक्टर नेहा गिरि ने बताया कि चंबल में पानी की आवक के कारण जिले की 14 ग्राम पंचायतों के 49 गांव प्रभावित हुए है. वहीं चंबल में पानी की आवक ओर अधिक बढ़ने की स्थिति में कुल 69 गांव प्रभावित होगें. उन्होंने बताया कि जिले में चंबल के बढ़ते जल स्तर से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें काम कर रही हैं. वहीं आपात स्थिति में सेना को बुलाने के लिए अलवर मिलट्री यूनिट के साथ जिला प्रशासन सम्पर्क में है और सेना के एक अधिकारी कैप्टन शेखर पानीगृही के नेतृत्व में सेना की टीम धौलपुर आ चुकी है. यहीं नहीं चंबल के जल स्तर में ओर अधिक बढ़ोत्तरी और हालात बिगड़ने की आशंका को देखते हुए एयर फोर्स के साथ भी राज्य सरकार के माध्यम से जिला प्रशासन की ओर से सम्पर्क स्थापित किया गया है.

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उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन कोटा और सवाईमाधोपुर के जिला प्रशासन के साथ सीधे सम्पर्क में है. चंबल में पानी की आवक पर लगातार निगरानी रखी जा रही है. उन्होंने बताया कि बढ़ते जल स्तर से राजाखेड़ा के अंडवा, पुरैनी, चाड़ीयान का पुरा, फरासपुरा, मेहदपुरा तथा चीलपुरा जैसे गांव के रास्ते में जल भराव हुआ है. इन प्रभावित गांवों के लोगों के लिए भोजन, परिवहन और चिकित्सा संबंधी व्यवस्थाएं की गई है.

जिला कलक्टर ने बताया कि प्रभावित गांव से एक गर्भवती महिला को उच्च स्तरीय चिकित्सा के लिए प्रशासन की ओर से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. वहीं रात को रोशनी के लिए प्रभावित गांवों में केरोसिन वितरण के लिए व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि तेज बहाव के कारण मगरमच्छ आदि जलीय जीव नदी के किनारे बसे गांव में चले जाते है. इसके लिए वन विभाग के अधिकारियों की ओर से एडवाईजरी जारी की गई है.

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उन्होंने बताया कि पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी प्रभावित इलाकों में कैम्प किए हुए है और राहत व बचाव कार्य जारी है. उन्होंने मीडिया के माध्यम से आमजन से अपील करते हुए कहा कि चंबल में बढ़ते जल स्तर को देखते हुए चंबल के किनारे और जल भराव वाले स्थानों पर नहीं जाएं. कलेक्टर नेहा गिरि ने कहा कि जिला प्रशासन हालात पर नजर रख रहा है. लेकिन लोग स्वयं भी सावधान रहे. अपने और अपनों के साथ ही पशुधन का भी ध्यान रखें. जल भराव और कोई अन्य अप्रिय स्थिति होने पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष और उच्च अधिकारियों को सूचित करें.

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