चूरू.ए मालिक तेरे बंदे हम, जोत से जोत जगाते चलो, आ लौट के आजा मेरे मीत जैसे बेहतरीन गाने लिखने वाले गीतकार पंडित भरत व्यास ने अपने गीतों के दम पर चूरू को पहचान दी. 120 से ज्यादा फिल्मों में दो हजार से अधिक गीत लिखे चुके पंडित भरत व्यास की चूरू में कोई भी जीवंत रखने वाली जगह नहीं है. सीधे शब्दों में कहे तो अपने गीतों के जरिए चूरू की पहचान देश ही नहीं विदेशों तक पहुंचाने वाले गीतकार पंडित भरत व्यास के नाम का एक पत्थर भी चूरू में नहीं लग सका है.
पंडित भरत व्यास के नाम का अपने ही शहर में नहीं लग सका एक पत्थर भी नगर परिषद ने दो साल पहले साधारण सभा में प्रस्ताव पारित कर गढ़ चौराहे से छोटा मंदिर तक की सड़क का नाम पंडित भरत व्यास के नाम पर रखकर उनकी यादों को चीर स्थाई रखने का काम शुरू किया था. लेकिन आज तक इस सड़क के नामकरण की फाइल नगर परिषद और कलेक्टर के बीच लटकाया जा रहा है.
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पंडित भरत व्यास के ये थे प्रमुख गीत
पंडित भरत व्यास ने अपने गीतों से फिल्म जगत में चूरू को एक अलग पहचान दी. इनके मुख्य गीत आ लौट के आजा मेरे मीत, ऐ मालिक तेरे बंदे हम, आधा है चंद्रमा रात आधी, जोत से जोत जगाते चलो और जरा सामने तो आओ छलिए सहित सैकड़ों गीत लिखे जो आज भी लोगों के जुबान पर है. इसके साथ ही पंडित भरत व्यास ने नवरंग, जनम जनम के फेरे, परिणीता, दो आंखें बारह हाथ, मन की जीत, सम्राट चंद्रगुप्त, संत ज्ञानेश्वर, तूफान रानी, रूपमती व सम्राट चंद्रगुप्त जैसी फिल्मों में कई गीत लिखे.
गीतकार पंडित भरत व्यास का जीवन
भरत व्यास के जन्म की सही तारीख को लेकर असमंजस है. लेकिन उनके साथ रहे गीतकार श्याम सुंदर शर्मा बताते हैं कि 17 सितंबर 1917 को चूरू में पंडित शिवदत्त राय व्यास के यहां भरत व्यास का जन्म हुआ. उसके बाद में जब वह दो वर्ष के थे. तभी उनके पिता का निधन हो गया. दसवीं की परीक्षा चूरू के बागला स्कूल से पास करने के बाद में बीकानेर की डूंगर कॉलेज से कॉमर्स विषय में पढ़ाई की. उसके बाद में उन्होंने मंचों पर नाटक अभिनय करना शुरू किया. व्यास का निधन 4 जुलाई 1982 को हो गया.
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वहीं पंडित भरत व्यास के नजदीक रहे और चूरू के गीतकार श्याम सुंदर शर्मा बताते हैं कि पंडित व्यास ने एक से एक बेहतरीन हिंदी फिल्मों में गीत लिखे. लेकिन आज चूरू में उनके नाम का एक पत्थर भी नहीं लग सका है. जबकि उन्होंने चूरू का नाम देश और दुनिया में रोशन किया है. साथ ही भरत व्यास के परिवार के सदस्य और उसी हवेली में रह रहे जहां पंडित व्यास ने जन्म लिया था, मंगल व्यास का कहना है कि भरत व्यास ने बहुत अच्छे अच्छे गीत लिखें. जो काफी प्रसिद्ध हुए है लेकिन आज चूरू में उनके जिस सड़क का नामकरण होने वाला था वह काम अभी तक हो नहीं सका है.