सुजानगढ़ (चूरू): वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई (Minister of State Forest and Environment Sukhram Bishnoi) ने ताल छापर अभ्यारण्य (Tal Chhapar Sanctuary) का निरीक्षण करने पहुंचे. वहां औषधीय पौधे बांटे और आम लोगों से उनका हाल चाल जानने की कोशिश की. इसी दौरान कस्बेवासियों ने वन मंत्री को ज्ञापन थमा दिया. जिसमें छापर-देवाणी सड़क मार्ग दोबारा शुरू कराने की मांग है.
मंत्री सुखराम विश्नोई पहुंचे ताल छापर अभ्यारण्य ताल छापर अभ्यारण में बनेगा प्रशिक्षण केंद्र, ग्रास लैंड डेवलपमेंट और रेस्क्यू ऑपरेशन का दिया जाएगा प्रशिक्षण
दरअसल, मंत्री सुखराम विश्नोई ताल छापर कृष्ण मृग अभ्यारण्य का निरीक्षण करने पहुंचे. विभाग किस तरह मृग रक्षा में तत्पर है, किस तरह की कोशिशें की जा रहीं है इसका जायजा लेने पहुंचे. उन्होंने छापर नगरपालिका के पदस्थों से अभ्यारण में सुअरों की एंट्री को रोकने के लिए कैसे प्रबंध किए गए हैं इससे जुड़े सवाल किए.
इस दौरान समाजसेवी प्रदीप सुराणा के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात कर वन विभाग की आपत्ति के बाद विगत सात सालों से बंद छापर-देवाणी सड़क मार्ग को वापस शुरू करने की मांग की. इस पर मंत्री सुखराम विश्नोई (Minister of State Forest and Environment Sukhram Bishnoi) ने बड़ी सहजता से गेंद केन्द्र के पाले में डाल दी. उन्होंने कहा कि यह मामला केन्द्र के अधीन है. वो खुद और प्रदेश सरकार इस संदर्भ में कुछ भी करने में असमर्थ हैं.
उन्होंने कहा कि हिरणों की सुरक्षा पहले है. इसलिए जन सहभागिता से ओवरब्रिज का निर्माण हो सकता है। लेकिन उसके लिए भी पहले केंद्र सरकार से अनुमति लेनी होगी. वन मंत्री ने कहा कि वे जसवंतगढ़ में हिरणों को स्थानांतरित करने एवं पर्यटन विकास के लिए गंभीरता से प्रयासरत हैं.
क्यों बंद हुआ था मार्ग?
काले हिरणों की मौत की वजह से ये मार्ग बंद किया गया था. इस अभ्यारण (Tal Chhapar Krishna black bucks Sanctuary) में विचरने वाले काले हिरण अकसर सड़क मार्ग से गुजरने वाले वाहनों का शिकार हो जाते थे. इसे ध्यान में रखते हुए मार्ग को बंद करने का निर्णय लिया गया था. हालांकि तब भी स्थानीय लोगों का मत था कि काले हिरणों की सुरक्षा के लिए चौकियां मौजूद हैं जहां सुरक्षाकर्मी रहते हैं. उनका ये भी कहना था कि गति सीमा निर्धारित है ऐसे में मार्ग बंद करने से उनकी दिक्कतें बढ़ जाएंगी.
सड़क के बंद होने का असर
स्थानीय लोगों का तर्क था कि इससे उनके आवागमन का समय बढ़ा. छापर से सुजानगढ़ तहसील मुख्यालय की दूरी पूर्व में 12 किमी थी. इसके बंद होने के बाद मेगा हाईवे से होकर लोगों को गुजरना पड़ा. जिससे सुजानगढ़ की दूरी छह किमी बढ़ गई और लोगों को 12 की जगह 18 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है.