सादुलपुर (चूरू).सरकार भले ही बालिकाओं की सुविधाओं को लेकर सजग हो लेकिन बात जब धरातल पर उपलब्ध संसाधनों की जाए तो कुछ और ही नजर आता है. कुछ ऐसी ही विशेष परिस्थितियों से होनहार बेटियां जूझ रही है. ऐसा ही एक मामला राऊ टिब्बा के राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक स्कूल से जुड़ा हुआ है. कहने तो इस विद्यालय में समस्त संसाधन उपलब्ध है, लेकिन इन बेटियों की पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है. समस्या है स्कूल तक सड़क की. राज्य सरकार ने बेटियों को स्कूल जाने के लिए साइकिल तो प्रदान कर दी, लेकिन इस विद्यालय की छात्राओं के साइकिल से स्कूल पहुंचना उनके नसीब में नहीं है. सड़क नहीं होने से बालिकाएं साइकिल नहीं चला पा रही. इस मार्ग पर पैदल चलना मुश्किल है, चार वर्षों से कक्षा 9 की छात्राओं को साइकिल प्रदान की जा रही है, लेकिन साइकिल बेटियों के काम नहीं आ रही है.
सन् 1965 में खुला था स्कूल
यह विद्यालय 1965 राऊटिब्बा गांव में खोला गया था, लेकिन जगह के अभाव में गांव के जोहड़ में 2001 में स्थानांतरित कर दिया. 2003 में उप्रावि में क्रमोन्नत किया गया. 2013 में माध्यमिक व 2015 में इसे उमावि में क्रमोन्नत किया. इस विद्यालय में 2018 -19 में छात्र-छात्राओं की संख्या 254 थीं. जो वर्तमान में घटकर 213 रह गई है. विद्यालय के संस्था प्रधान चन्द्रपाल डारा ने बताया कि गांव से विद्यालय के बीच कच्चा रास्ता है. रास्ते के दोनों तरफ अतिक्रमण है. जिससे दुर्घटना की आशंका रहती है.
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