चूरू. जिला मुख्यालय पर फास्ट फूड का ठेला हो या फिर चाय की दुकान, इन सभी जगहों पर ज्यादातर घरेलू गैस सिलेंडर काम में लिए जा रहे हैं. जबकि यह नियमों के खिलाफ है. साथ ही इससे हादसा होने का भी खतरा लगातार बना रहता है. ऐसे में ना तो इस ओर जिम्मेदार रसद विभाग ध्यान दे रहा है, ना ही प्रशासन.
बता दें कि पांच दिन पहले ही चूरू और सीकर में गैस सिलेंडर से दो बड़े हादसे हो चुके है. सबसे बड़ी बात यह है कि जिला कलेक्ट्रेट परिसर में ही संचालित कस्तूरबा केंटीन में भी चाय से लेकर खाना बनाने तक में घरेलू गैस सिलेंडर का इस्तेमाल किया जा रहा है. कुछ ऐसा ही नजारा कलेक्ट्रेट के सामने भी दिखाई देता है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने अब तक इसपर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है.
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चूरू में पत्नी की मौत, पति घायल
चूरू में एक घर में गैस सिलेंडर से गैस निकलने से हादसा हुआ था. हादसे में एक दंपती घायल हो गए थे. जहां पत्नी की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. उसी दिन सीकर में भी गैस सिलेंडर में आग लगने से एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. गंभीर हालत में कुछ लोगों को जयपुर रैफर किया गया था. वहीं सीकर में हुए हादसे में ना केवल परिवार के लोग बल्कि रास्ते से गुजर रहे लोग भी घायल हो गए थे.
छोटा फायदा कर सकता है बड़ा नुकसान