चित्तौड़गढ़. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी अपने चित्तौड़गढ़ दौरे के दूसरे दिन (Sudhanshu Trivedi Chittorgarh Visit) गुरुवार को भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से मुखातिब हुए. इस दौरान उन्होंने पार्टी की रीती-नीतियों के साथ सरकार के कामकाज को मीडियाकर्मियों के समक्ष रखा. वहीं, विभिन्न मामलों पर कांग्रेस पर निशाना साधा. सबसे पहले उन्होंने कांग्रेस में चल रहे सत्ता और संघर्ष के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि एक ओर अमेठी से विस्थापित पार्टी का युवा नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी लेना नहीं चाहता तो दूसरा राजस्थान का स्थापित नेता पद देना नहीं चाहता.
यह लेनदेन का झगड़ा ही कांग्रेस को गर्त में ले जा रहा है. जहां पिछले साढ़े 3 साल से अध्यक्ष पद पर ही अनुसंधान चल रहा था, वह अनुसंधान अब घमासान में बदल गया है. केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के सवाल पर (Politics on ED Action) उन्होंने कहा कि 2014 से पहले हमारी सरकार नहीं थी. उस समय कोयला घोटाला. 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला सहित बड़े-बड़े घोटाले सामने आए और मुलायम सिंह यादव, लालू यादव तक जांच के घेरे में रहे. जबकि हमारी कई राज्यों में सरकार थी, लेकिन हमारा कोई भी नेता इस प्रकार के किसी जांच के दायरे में नहीं था. आज भी कांग्रेस के नेता ही जांच के दायरे में हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने लोकसभा चुनाव की घोषणा पत्र में राष्ट्रद्रोह को समाप्त करने की घोषणा की थी, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद राजस्थान में सबसे अधिक इसी का दुरुपयोग हुआ और यह दुरुपयोग भी विधायकों पर हुआ जो कि खुद कांग्रेस पार्टी के विधायक थे. जबकि इसका उपयोग सांप्रदायिकता और राष्ट्रद्रोह के खिलाफ होना चाहिए था. केंद्रीय जांच एजेंसियों को पिंजरे का तोता बताए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इशरत जहां के मामले में तत्कालीन आईबी और सीबीआई द्वारा उसे आतंकवादी माना गया. लेकिन जब कोर्ट में हलफनामे का सवाल आया तो सीबीआई ने उसे आतंकवादी मानने से इनकार कर दिया.