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चित्तौड़गढ़: सरपंच पति के साथ मारपीट मामले में 5 दिन बाद भी कार्रवाई नहीं, ग्रामीणों में आक्रोश

चित्तौड़गढ़ के बेगूं क्षेत्र में स्थित रायता ग्राम पंचायत के सरपंच पति के साथ हुई मारपीट का मामला अभी तक नहीं सुलझ पाया है. शुक्रवार को धाकड़ समाज के पदधिकारियों ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात करते हुए उचित कार्रवाई की मांग की है. पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में सात दिन के अंदर जांच कराने की बात कही है.

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पांच दिन बाद भी पुलिस खाली हाथ

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Published : Oct 23, 2020, 9:02 PM IST

चित्तौड़गढ़.बेगूं क्षेत्र के सरपंच पति हेमराज धाकड़ के साथ हुई मारपीट के मामले में जांच अधिकारी पुलिस उप अधीक्षक राजेन्द्र जैन ने फरियादी हेमराज से विस्तृत बयान लिए. सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि हेमराज इसके बावजूद लगातार पुलिस पर आरोप लगा रहा है. इधर, पुलिस कॉल डिटेल और मोबाइल लोकेशन के आधार पर अपराधियों तक पहुंचने में लगी है, लेकिन अभी तक सफलता हाथ नहीं लग पाई है.

इस मामले में पूर्व विधायक सुरेश धाकड़ और धाकड़ देश पंचायत अध्यक्ष के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव से भेंट की. इस मामले में उन्होंने बताया कि रायता गांव की सरपंच पति हेमराज का अपहरण कर बर्बरतापूर्वक मारपीट की गई. इस मामले को पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया, जबकि पुलिस पर ही नामजद रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है. प्रतिनिधि मंडल ने पूरे मामले पर चर्चा की. इस पर पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव ने मामले को पेचीदा बताते हुए 7 दिन का समय मांगा है. 7 दिन में जो भी दोषी होगा, उनके ऊपर कार्रवाई की जाएगी.

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उन्होंने कहा कि जांच जारी है. वहीं पुलिस अधीक्षक को यह भी अवगत कराया गया कि अगर जांच में कोई परेशानी पैदा हो रही है तो पीड़ित हेमराज धाकड़ का नारको टेस्ट कराने के लिए भी वह तैयार है. उन्होंने यह भी मांग की कि जिन पर आरोप लगाया जा रहा है, उन पुलिस कर्मचारियों का भी नारको टेस्ट किया जाए, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके. प्रतिनिधि मंडल ने समाज से भी अनुरोध किया है कि धाकड़ समाज में आक्रोश जरूर है. लेकिन पुलिस अधीक्षक ने 7 दिन का समय मांगा है.

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उन्होंने समाज जनों से कहा है कि 7 दिन तक पुलिस को निष्पक्ष जांच का समय देना चाहिए. उसके बाद समाज अगला कदम उठाएगा. इस अवसर पर पूर्व विधायक सुरेश धाकड़ ने कहा कि कानून व्यवस्था क्षेत्र में काफी खराब है. कई ऐसे मामले सामने आए, जिनमें आपराधिक गतिविधियां सक्रिय रही. उन्होंने पुलिस पर भी सवालिया निशान खड़े किए हैं. उनका कहना है कि जनप्रतिनिधि के दबाव में पुलिसकर्मी भी है. वहीं उन्होंने बेगूं विधानसभा क्षेत्र के ही गंगरार के पास में एक युवक से अपहरण कर 7 लाख की फिरौती के मामले में कहा कि बेगूं क्षेत्र में इतने अपराध बढ़ चुके हैं कि 1 दिन पहले ही ऐसा मामला सामने आया.

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