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बूंदीः संस्कृति संस्था की महिलाओं ने खेली फूलों की होली

बूंदी में संस्कृति संस्था की ओर से फागोत्सव मनाया गया. जहां संस्था की महिला सदस्यों ने फूलों से होली खेली. लेकिन कोरोना वायरस और मेज हादसे की वजह से संस्कृति संस्था से जुड़ी सभी महिलाओं ने इस बार होली महोत्सव सामूहिक रूप से नहीं मनाने का फैसला लिया है.

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फूलों की होली

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Published : Mar 8, 2020, 9:49 PM IST

बूंदी.छोटीकाशी बूंदी में फागोत्सव की धूम है. यहां पर संस्कृति संस्था की ओर से फागोत्सव मनाया गया. संस्था की महिलाओं ने ठाकुरजी को रंग गुलाल और रोली का तिलक लगाकर फूलों से होली खेली. वहीं कोरोना वायरस और कुछ दिन पहले मेज हादसे को लेकर संस्कृति संस्था से जुड़ी सभी महिलाओं ने इस बार होली महोत्सव सामूहिक रूप से नहीं मनाने का फैसला लिया है.

फूलों की होली

अध्यक्ष शालिनी विजय ने बताया कि संस्था की सीनियर और जूनियर विंग की सभी सदस्यों ने पारंपरिक फाल्गुनी पोशाक पहनकर कार्यक्रम में भाग लिया. कार्यक्रम के दौरान फाल्गुनी रीमिक्स और राजस्थानी गीतों पर महिलाओं ने फूलों की होली खेलकर जमकर सामूहिक रास किया. एक-दूसरे पर फूल फेंक कर होली मनाई और होली की शुभकामनाएं दी. शालिनी विजय ने बताया कि बूंदी में 26 फरवरी को मेज नदी में हादसा हुआ था जिसको लेकर संस्था ने होली नहीं मनाने का फैसला लिया है. साथ में कोरोना वायरस को लेकर भी सामूहिक रूप से संस्था की महिलाएं होली नहीं खेलेगी, इस दौरान महिलाएं जमकर होली के गीतों पर नाची. फागोत्सव में विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया. जिसमें युगल नृत्य होली का सॉन्ग जैसी प्रतियोगिताएं हुई. महिलाओं ने रंग मत डाले रे सांवरिया,आपा खेला होली, होलिया रे मैं उड़े रे गुलाल, नंदा बाबा के दरबार में मची होली री आदि भजनों पर महिलाओं ने जमकर नृत्य किया.

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वैसे तो बाजार में सभी तरह की गुलाल बिक रही है. लेकिन हानिकारक रंगों के शरीर को होने वाले नुकसान को देखते हुए ओरिजिनल रंगों की डिमांड बड़ी थी. लेकिन कोरोना वायरस की वजह से बूंदी की अधिकतर दुकानों पर ज्यादा गुलाल नहीं ब्रिक नही हो पाई है. जिसके चलते बाजारों में गुलालों की दुकान में मंदी का दौर चल रहा है. वहीं फागोत्सव में भी गुलाल की जगह फूलों की होली खेली जा रही है और महिलाएं इस दौरान गुलाल से नहीं फूलों से होली खेलने एवं सावधानी पूर्वक होली खेलने की अपील भी कर रही है.

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