बूंदी. जिले में किसान भवन अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. 7 साल पूर्व 2012 में कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा इस भवन का विधिवत तरीके से लोकार्पण किया गया था. लोकार्पण के कुछ दिन तक तो भवन का संचालन हुआ, लेकिन फिर यह बन्द हो गया. प्रदेश में फिर एक बार कांग्रेस सरकार का राज है, लेकिन किसान भवन की किस्मत अब भी नहीं बदली है. किसानों को उम्मीद है कि फिर से किसान भवन शुरू होगा, लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.
बूंदी : करोड़ों की लागत से बने किसान भवन में नशेड़ियों का अड्डा, प्रशासन बेपरवाह - rajasthan
2012 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा किसान भवन का लोकार्पण किया गया था, जिसके कुछ समय बाद से ही यह भवन बंद पड़ा है. करोड़ों की लागत से बना भवन सभी आधुनिक सुविधाओं से संपन्न है, लेकिन किसान मंड़ी अन्यत्र शिफ्ट होने के कारण भवन का कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है.
गौरतलब है कि करोड़ों की लागत से बना यह किसान भवन उपयोग में नहीं आ रहा, क्योंकि यहां पर लगने वाली मंडी हटकर दूसरे स्थान पर स्थापित की गई है. जानकारी के अनुसार वर्ष 2012 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस भवन का लोकार्पण किया गया था. करोड़ों की लागत से बना भवन सभी आधुनिक सुविधाओं से संपन्न है, ताकि जिले से आने वाले किसानों को यहां पर ठहरने की उचित व्यवस्था मिल सके. लेकिन प्रशासन ने किसान भवन का उपयोग प्रशासन की ओर से आयोजित कार्यक्रमों में लिया. चुनाव आदि राष्ट्रीय कार्यक्रमों के दौरान ड्यूटी में लगे पुलिस जवानों को रहने के लिए भी भवन दिया गया.
वर्तमान की बात की जाए तो वर्तमान में किसान भवन बदहाल हो चुका है. दीवारों में दरारें आ गई हैं, फर्नीचर उखड़ गये हैं, साथ ही जगह-जगह से प्लास्टर भी उखड़ गया है. सन्नाटा पसरा होने के कारण रात को असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है. नशेड़ियों ने इसे अपना अड्डा बना लिया है. बूंदी मंडी के प्रशासक और अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेश जोशी ने कहा कि बूंदी कृषि मंडी को कुवारती में शिफ्ट होने के बाद यहां किसानों का आना-जाना कम हो गया. ऐसे में नीचे वाले भाग को किराए पर देने का विचार किया जा रहा है. जबकि ऊपर वाले हिस्से को लीज पर देने की प्लानिंग है.