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बूंदी में बाढ़ का कहर, नगर परिषद की खुली पोल

बूंदी में तेज बारिश के बाद हुए बाढ़ के हालात से प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई. दरअसल, प्रशासन के अधिकारियों की ओर से आपदा प्रबंधन से जुड़े कार्य पूरे नहीं किए गए थे, जिसके चलते बूंदी शहर का आधा हिस्सा बाढ़ की चपेट में आ गया.

Bundi news, बूंदी अतिक्रमण न्यूज

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Published : Aug 20, 2019, 6:08 AM IST

Updated : Aug 20, 2019, 8:08 AM IST

बूंदी. जिले में 5 दिन पहले लगातार भारी बारिश होने के चलते, जिला पिछले 4 दिनों तक बाढ़ की चपेट में रहा. ऐसे में नगर परिषद की लापरवाही सामने आई क्योंकि शहर के सबसे बड़े नाले पर अतिक्रमण होने के चलते बाढ़ की स्थिति पैदा हुई.

बूंदी में बाढ़ का कहर

बता दें कि नाले पर करीब 200 से ज्यादा मकान और स्कूल बने हुए हैं और अभी भी अतिक्रमण कार्य जारी है. नाला कहीं 5 फीट तो कहीं 10 फीट चौड़ा और 10 फीट गहरा है. नाले में पानी के भराव के चलते 20 कॉलोनियों सहित करीब 20,000 से ज्यादा लोग बाढ़ की चपेट में हैं. महावीर कॉलोनी, जवाहर कॉलोनी, शास्त्री नगर कॉलोनी और गणेश नगर कॉलोनी में पानी भरा है.

बता दें कि वर्तमान में करीब छह कॉलोनियों में नालों पर अतिक्रमण इस तरह है कि नाला कम नजर आता है और नाले पर मकान ज्यादा नजर आते हैं. 80 फीट का नाला प्रशासन की ओर से प्रस्तावित था और लंबे समय से नाले से ही झीलों का पानी गुजर रहा था लेकिन कभी भी ऐसी स्थिति पैदा नहीं हुई थी कि बाढ़ आई हो और कॉलोनियां डूब गई हो. लेकिन इस बार नाले पर अतिक्रमण होने के चलते समय पर सफाई नहीं हो सकी और नतीजन नाला उफान पर है जिससे कॉलोनियां पूरी तरह से जलमग्न हो गई हैं.

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यहां के लोग इस अतिक्रमण से इतना परेशान है कि उन्होंने कई बार नगर परिषद में जाकर भी हालातों से रूबरू करवाया लेकिन भ्रष्टाचार और लापरवाही की भेंट चढ़े. नगर परिषद ने कुछ ध्यान नहीं दिया. खैर बारिश ने प्रशासन के सारे दावे और लापरवाही के साथ ही भ्रष्टाचार की भूमि अतिक्रमण की पोल खोलकर रख दी है. ऐसे में लोगों ने प्रशासन से नाले पर बने अतिक्रमण को जल्द हटाए जाने की मांग की है जिससे नाले की गहराई को वापस किया जाए ताकि दोबारा ऐसी स्थिति पैदा न हो.

Last Updated : Aug 20, 2019, 8:08 AM IST

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