भीलवाड़ा.जिले की नगर परिषद क्षेत्र में आवारा श्वान की दरबदर बढ़ोतरी होती जा रही है. एक तरफ नगर परिषद अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है, दूसरी ओर अधिकारी पशुपालन विभाग को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
आवारा श्वान से आमजन परेशान शहरवासी खौफजदा...
आवारा श्वानों के आतंक से शहरवासी खौफजदा है, वहीं सड़क पर चलने वाले राहगीरों के साथ ही वाहन चालकों को भी काफी समस्या हो रही है. इनकी चपेट में आने से कई बार बाइक सवार भी हादसे के शिकार हो जाते हैं. भीलवाड़ा शहर में नगर परिषद की उदासीनता के चलते शहर में दिनोंदिन आवारा श्वान का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. जहां यह आवारा श्वान आमजन पर अटैक करने के साथ ही बाइक सवार को भी निशाना बनाते हैं, जिससे कई बार हादसे हो गए हैं.
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आखिर जिम्मेदार कौन...?
ईटीवी भारत की टीम ने भीलवाड़ा शहर के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, शास्त्री नगर, बडला चौराहा, सांगानेरी गेट, आरसी व्यास कॉलोनी, पुर रोड सहित कई स्थानों का जायजा लिया. जहां काफी संख्या में आवारा श्वान घूमते मिले. यहां तक कि नगर परिषद परिसर और पशुपालन विभाग के जिला कार्यालय में भी आवारा कुत्ते बेरोकटोक घूम रहे थे. जहां इन कुत्ते को पकड़ने के लिए नगर परिषद के अधिकारी इसको पशुपालन विभाग को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं जबकि पशुपालन विभाग नगर परिषद अधिकारियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
नगर परिषद अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा भीलवाड़ा शहर के युवा गोपाल शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि आए दिन यह आवारा श्वान लोगों को काट रहे हैं. जिससे लोगों को काफी दिक्कत होती है. यह शहर की गलियों में दिन भर घूमते रहते हैं, जिससे मोटरसाइकिल सवार भी कई बार हादसे के शिकार हो जाते हैं, लेकिन नगर परिषद इन श्वान को पकड़ने के लिए अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहा है.
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निशुल्क टीकाकरण की व्यवस्था नहीं...
वहीं, आवारा श्वान को लेकर ईटीवी भारत की टीम भीलवाड़ा पशुपालन विभाग के कार्यालय पहुंची. जहां पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक प्रमोद कुमार पंचोली ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि शहरवासी अपने पालतू श्वान को यहां लाते हैं, हम उन्हें निशुल्क टीकाकरण करते हैं. उन्हें रेबीज का टीका लगाया जाता है. आवारा श्वान के लिए टीकाकरण की कोई व्यवस्था नहीं है, जो भी सरकारी एजेंसी इन श्वान को कंट्रोल करके यहां लेकर आती है तो उनको हम टीके लगाते हैं.
आवारा श्वान की दरबदर बढ़ोतरी होती जा रही है ईटीवी भारत की टीम नगर परिषद के कार्यालय पहुंची, जहां नगर परिषद के अधिशासी अभियंता सूर्य प्रकाश संचेती ने बातचीत करते हुए कहा कि आवारा श्वान को पकड़ना अपने आप में जटिल कार्य है. हमने इन श्वान को पकड़ने के बीच में कुछ प्रयास किए थे, उस समय पशु अधिनियम के मामला सामने आने के कारण हमें यह कार्रवाई रोकनी पड़ी है. वर्तमान में जहां-जहां से भी शिकायत आती है तो हम कार्रवाई करते हैं.
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डॉग बाइट खतरनाक...
वहीं, आवारा श्वान के काटने से मानव स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है. इसको लेकर आरसीएचओ डॉ. सीपी गोस्वामी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि डॉग बाइट खतरनाक है, इनसे बीमारी फैलती है. आवारा पागल श्वान के काटने से हाइड्रोफोबिया और ऐरोफोबिया होता है. श्वान के काटने पर एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगाया जाता है, जो विभिन्न समय के अंतराल में लगाई जाती है. लोगों को इन आवारा श्वान से हमेशा बचना चाहिए.