वीरांगना को घर ले जाने पहुंची सांसद के साथ धक्का-मुक्की भरतपुर. पुलवामा शहीद जीतराम गुर्जर की वीरांगना सुंदरी को करीब 12 घंटे से नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पुलिस पहरे के बीच भर्ती कर रखा है. अस्पताल में धरना दे रहे भाजपा कार्यकर्ता और पदाधिकारियों के पास में शुक्रवार शाम को भरतपुर सांसद रंजीता कोली और नगर की पूर्व विधायक अनीता भी पहुंच गईं. सांसद रंजीता कोली का आरोप है कि वीरांगना सुंदरी पूरी तरह से स्वस्थ है और उसे अस्पताल में तबीयत खराब होने के नाम पर बंदी बना रखा है.
सांसद रंजीता कोली वीरांगना सुंदरी को उसके घर ले जाना चाह रही थीं. इसी दौरान अस्पताल में पुलिस और भाजपा पदाधिकारियों के बीच में धक्का-मुक्की भी हो गई. रंजीता कोली ने वीरांगना के साथ भी धक्का-मुक्की होने का आरोप लगाया है, साथ ही खुद को चोट पहुंचने की बात भी कही है. सांसद रंजीता कोली ने आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान सरकार वीरांगनाओं के साथ अत्याचार कर रही है. वीरांगना सुंदरी पूरी तरह से स्वस्थ हैं, वो अपने बच्चों के पास घर जाना चाहती हैं. लेकिन सरकार और प्रशासन ने उसे अस्पताल में बंदी बना कर रखा है.
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सांसद रंजीता कोली ने बताया कि वीरांगना सुंदरी अपने बच्चों के पास घर जाना चाहती हैं. हम उन्हें घर ले जाना चाह रहे थे. इसी दौरान यहां तैनात पुलिसकर्मी और भाजपा पदाधिकारी, कार्यकर्ता और परिजनों के बीच धक्का-मुक्की हो गई. धक्का-मुक्की में अस्पताल में रखे ऑक्सीजन गैस सिलेंडर गिर गए और अस्पताल में हंगामा खड़ा हो गया. वहीं, जानकारी के बाद भरतपुर एसपी श्याम सिंह नगर अस्पताल पहुंचे और सांसद रंजीता कोली से बात की. इस घटना के बाद सांसद कोली वा अन्य भाजपा पदाधिकारी धरने पर बैठ गए.
सांसद कोली का आरोप है उनके खुद के साथ और वीरांगना के साथ धक्का-मुक्की हुई है. जिसमें सांसद के हाथ और कमर में चोट पहुंची, साथ ही उनकी सोने की चैन भी गिर गई. सांसद कोली ने कहा कि सैनिक जीतराम ने देश के लिए प्राण दे दिए और उसकी वीरांगना को सम्मानजनक तरीके से घर भेजने के बजाय उसके साथ अत्याचार हो रहा है. परिजनों का आरोप है कि 12 घंटे में कई डॉक्टर जांच कर गए, लेकिन दवाई एक भी नहीं दी. इससे साफ है कि वीरांगना की तबीयत बिल्कुल सही है. उसे जबरदस्ती अस्पताल में रखा है. परिजनों का कहना है कि यदि वीरांगना की तबीयत ज्यादा खराब है तो उसका जयपुर में उपचार कराएं, यहां भर्ती क्यों रखा है?.
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गौरतलब है कि पिछले 11 दिन से प्रदेश की तीन वीरांगना मंजू लांबा, मधुबाला मीणा और सुंदरी गुर्जर जयपुर में धरना दे रहीं थीं. लेकिन ऐसा बताया जा रहा है कि वीरांगनाओं की तबीयत खराब हो गई, जिसके चलते तीनों को धरनास्थल से हटा दिया गया. ये बात भी सामने आ रही है कि परिजनों को गिरफ्तार किया गया है.