भरतपुर.कश्मीर के शोपियां में आतंकियों द्वारा मारे गए शरीफ खान का शव दिल्ली एयरपोर्ट से एम्बुलेंस के द्वारा उसके गांव रवाना किया गया था जिसे उभाका से एक गांव पहले तिलकपुर में रोक दिया गया है. बता दें कि तिलकपुर गांव में ग्रामीणों और शरीफ के परिजनों ने जाम लगा दिया है. वहीं, शव को लेने के लिए पहाड़ी के तहसीलदार रामकुमार पहुंचे थे. इधर ग्रामीण और शरीफ खान के परिजनों ने उपखंड अधिकारी के सामने अपनी पांच मांगें रखी है. मांगें पूरी नहीं होने तक शरीफ के शव को लेने से इंकार किया है.
शरीफ खान के परिजनों ने शव लेने से किया इंकार शरीफ खान के परिवार और ग्रामीणों की ये हैं 5 मांगे:
- परिवार के एक सदस्य को नोकरी दी जाए.
- परिवार के लिए 50 लाख रुपये नकद दिए जाए.
- शरीफ खान के परिवार के लिए सारी सरकारी सुबिधाए मुहैया कराई जाएं.
- शरीफ खान को शहीद का दर्जा दिया जाए.
- शरीफ खान के नाम पर शहीद स्थल बनाया जाए.
शरीफ खान के परिजनों ने बताया कि शरीफ खान ट्रक चलाने का काम किया करता था. अकसर दूर-दूर समान लेने जाय करता था लेकिन इतवार को वह ट्रक मालिक के साथ जम्मू कश्मीर के शोपियां में सेब लेने के लिए गया था. वहां उनके ट्रक को आतंकियों ने पकड़ लिया और मारपीट की थी . शरीफ ने इसका विरोध किया तो आतंकियों ने शरीफ खान को गोली मार दी थी.
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वहीं, ट्रक मालिक को गंभीर रूप से घायल कर दिया.कुछ देर बार वहां से कुछ व्यक्ति गुजरे और उन्होंने शरीफ खान और उसके मालिक को देखा तो उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी. ट्रक के कागज़ों के आधार पर शरीफ खान और उसके मालिक की शिनाख्त हुई और उसके परिजनों को इस घटना की सूचना दी गई. बता दे, शरीफ खान अपने घर मे अकेला कमाने वाला व्यक्ति था. तीन बेटियां हैं. शरीफ खान अपने माता पिता का अकेला लड़का था. परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है.