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बाड़मेर: लूणी नदी में आ रहे रसायन युक्त प्रदूषित पानी ने बढ़ाई किसानों की चिंता - Chemical water luni river

सिवाना के समदडी क्षेत्र से मरूगंगा के नाम से बहने वाली बरसाती लूणी नदी में एक बार फिर से पाली और जोधपुर जिले की टेक्सटाइल इकाइयों से निकलने वाला रासायनिक युक्त प्रदूषित पानी आ रहा है, जो किसानों के लिए जहर बना हुआ है.

Chemical water luni river, रसायन युक्त पानी लूणी नदी
प्रदूषित पानी ने बढ़ाई किसानों की चिंता

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Published : Dec 10, 2019, 10:46 AM IST

सिवाना (बाड़मेर).समदडी क्षेत्र में टेक्सटाइल इकाइयों से लुणी नदी में आ रहे रसायन युक्त दूषित पानी को रोकथाम के लिए अब क्षेत्र के किसान आर-पार की लड़ाई लड़ने को मजबूर हो गए हैं. वही प्रदूषण निवारण और पर्यावरण संरक्षण समिति बालोतरा ने समदडी क्षेत्र के किसानों के साथ लूणी नदी में रासायनिक प्रदूषण के हालातों का जायजा लिया.

प्रदूषित पानी ने बढ़ाई किसानों की चिंता

किसानों ने रासायनिक प्रदूषण के हालातों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि रासायनिक प्रदूषण ने किसानों को बर्बाद कर दिया है. समदडी क्षेत्र के किसानों ने समिति के पदाधिकारियों को अवगत करवाया कि पाली व जोधपुर से आ रहे रासायनिक प्रदूषण की रोकथाम के लिए कठोर कदम उठाया जाए, जिसके लिए वो समिति के साथ मिलकर कानूनी कार्रवाई करने में साथ देंगे.

वहीं समदडी क्षेत्र के किसानों ने बताया कि लूणी नदी में पाली व जोधपुर से आये रासायनिक प्रदूषण ने लूनी नदी का भू-जल को जहर बन गया है, जिससे खेतीबाड़ी नष्ट हो गई है, ओर किसान बेरोजगार हो गए है. स्थानीय प्रशासन प्रदूषण नियंत्रण मंडल भी किसानों की शिकायतों पर कोई पुख्ता कार्यवाही नही कर रहे है, जिससे किसान दुखी है. किसानों ने बताया कि वे बर्बाद हो रहे, अब हालत यह हैं की किसानों के पास आंदोलन के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है.

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क्षेत्र के कृषि कुओं का पानी खराब होकर जहर बन गया है. ऐसे में यदि रासायनिक प्रदूषण की रोकथाम नही हुई तो क्षेत्र की खेतीबाड़ी नष्ट हो जाएगी. किसानों ने समय रहते रासायनिक प्रदूषण की रोकथाम नही होने पर आंदोलन, धरना प्रदर्शन व आत्महत्या जैसे कदम उठाने की चेतावनी दी है. वहीं सरकार से मांग की है कि तुरंत प्रभाव से टेक्सटाइल मिलों से आ रहे रसायनिक युक्त प्रदूषित पानी को रोका जाए.

इस दौरान मांगीलाल, भगाराम, रतनाराम, राणाराम, सोहनराम, देवाराम, सवाराम, किशनाराम, मगाराम, गिरधारीराम, शंकरराम, देवाराम,केवलराम, भवरलाल, वागाराम, गुणेशारम, पुरखाराम, करनाराम, पदमाराम सहित किसान व ग्रामीण मौजूद रहे.

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