बाड़मेर. जम्मू कश्मीर केतन धार बर्फीले इलाके की 15 हजार फीट की ऊंची चोटी पर गत 21 नवंबर को हिमस्खलन में शहीद हुए बाड़मेर जिले के बाछड़ाऊ गांव के पीराराम थोरी का मंगलवार को उनके गांव में अंतिम संस्कार किया गया. वहीं, उनके 4 वर्षीय पुत्र ने मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद लोगों की आंखे भर आई. बता दें कि मंगलवार सुबह जालीपा कैंट से शहीद पीराराम के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव बाछड़ाऊ लाया गया.
वहीं, शहीद का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव में पहुंचने पर कई जगहों पर मानव श्रृंखला बनाकर लोगों ने पुष्प वर्षा की. वहीं,अपने सपूते को अंतिम विदाई देने लोग उमड़ पड़े. पार्थिव देह के बाछड़ाऊ पहुंचने से पूर्व ही गांव में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो चुके थे. उन्होंने गगनभेदी नारे लगाए. सबसे खास बात कि जब 50 किलोमीटर की यात्रा के दौरान सड़क के दोनों साइडों में लोगों का जनसैलाब उमड़ रहा था. हर कोई अपने लाल की अंतिम यात्रा देखने के लिए बेताब था.
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शहीद के पिता बगताराम थोरी ने कहा कि पीराराम हमेशा से ही अपने देश के प्रति उसका विशेष लगाव था. इसलिए उसने सेना में जाने का निश्चय किया था. उन्होंने कहा कि वह हमेशा से ही देश के लिए कुछ करने की बात किया करता था. बगताराम ने कहा कि 3 दिन पहले हमें खबर मिली. उन्होंने कहा कि हमें इस बात का गर्व है कि हमारा बेटा भारत माता के लिए शहीद हुआ है. शहीद के पिता ने कहा कि अब मैं सरकार से यही मांग करता हूं कि इसके छोटे बच्चों को पढ़ाई के साथ ही इसकी पत्नी को सरकारी सुविधाएं दिलाएं.