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बाड़मेर: सरकारी कर्मचारी बताकर रसद विभाग ने किसान को दिया कारण बताओ नोटिस, किसान के उड़े होश

बाड़मेर में रसद विभाग की लापरवाही की वजह से एक किसान को सरकारी कर्मचारी बताकर उसे राशन सामग्री उठाने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है. इसके बाद किसान चिंतित और बेचैन हो गए है. वहीं जिला रसद अधिकारी ने कहा कि किसान की बीवी की मौत होने के बावजूद भी राशन सामग्री उठा रहा है, उसको इस बात का नोटिस देना था, लेकिन लिपिकीय त्रुटि होने की वजह से सरकारी कर्मचारी का नोटिस जारी हो गया है.

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सरकारी कर्मचारी बताकर रसद विभाग ने किसान को दिया कारण बताओ नोटिस

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Published : Sep 24, 2020, 9:10 PM IST

बाड़मेर. रसद विभाग के कार्मिकों की लापरवाही की वजह से एक किसान की रातों की नींद उड़ गई है. वजह यह है कि किसान को सरकारी कर्मचारी बताकर उसे राशन सामग्री उठाने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है. नोटिस मिलने के बाद से ही किसान चिंतित और बेचैन नजर आ रहा है. हालांकि इस पूरे मामले को लेकर जिला रसद अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि किसान की बीवी की मौत होने के बावजूद भी राशन सामग्री उठा रहा है, उसको इस बात का नोटिस देना था, लेकिन लिपिकीय त्रुटि होने की वजह से सरकारी कर्मचारी लिखा हुआ नोटिस जारी हो गया है. अब रसद विभाग इस नोटिस को निस्तारण करवाने में लगा हुआ है.

सरकारी कर्मचारी बताकर रसद विभाग ने किसान को दिया कारण बताओ नोटिस

दरअसल बाड़मेर जिले समदड़ी पंचायत के कम्मो का बाड़ा निवासी मोहनलाल को रसद विभाग की ओर से कारण बताओ नोटिस मिला, जिसमें मोहनलाल को सरकारी कर्मचारी बताकर राशन सामग्री उठाने के लिए कारण बताओ नोटिस दिया गया है. जब यह नोटिस किसान मोहनलाल के पास पहुंचा, तो इसे देखकर मोहनलाल के होश फाख्ता हो गए क्योंकि वह किसान है और उसे एक कर्मचारी बताकर नोटिस जारी किया गया है. प्रार्थी मोहन लाल ने बताया कि मैं किसान हूं और खेती का काम करके अपना गुजर-बसर करता हूं, लेकिन रसद विभाग की ओर से मुझे सरकारी कर्मचारी बताकर नोटिस जारी किया गया है, जो गलत है.

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कार्यवाहक जिला रसद अधिकारी रमेश कुमार ने बताया कि सरकारी कर्मचारी जो खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ ले रहे हैं, उनको नोटिस भेजे जा रहे हैं. इसी संदर्भ में जिनको यह नोटिस गया है, उनकी एक शिकायत मिली थी कि उनकी बीवी की मौत 3 वर्ष पहले हो गई है और वह अब भी उनके नाम से राशन सामग्री उठा रहे हैं. उस नोटिस के प्रपत्र को देखते हुए लिपिकिय त्रुटि हुई है. जानकारी सामने के आने के बाद नोटिस के निस्तारण के प्रक्रिया की जा रही है और जो किसान का नाम है वह खाद्य सुरक्षा योजना से नहीं काटा गया है.

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