बाड़मेर.कहते हैं असफलताओं से घबराना नहीं चाहिए. असफलताओं के बाद मिली सफलता की खुशी ही कुछ और होती है. बस इसी सोच के साथ बाड़मेर के गणेशाराम अपनी असफलताओं से निराश नहीं हुए और निरंतर प्रयास करते रहे. गरीबी और अभावों के बावजूद शिक्षक बनने का जो सपना संजोया था. उसे आखिरकर पूरा कर लिया है. गणेशाराम कुल 11 बार असफल हुए, लेकिन वो अपने लक्ष्य से कभी भी पीछे नहीं हटे. फर्स्ट ग्रेड शिक्षक भर्ती में बाड़मेर में पहली पायदान हासिल करने के साथ जोधपुर संभाग में दूसरा स्थान हासिल करने वाले गणेशाराम के चर्चे जिले भर में हो रहे हैं, क्योंकि इनकी सफलता की कहानी हर किसी को प्रेरणादायक और प्रभावित करने वाली है.
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9 भाई-बहनों के परिवार में गणेशाराम इकलौता ऐसे सदस्य हैं, जिसने स्कूल की तरफ रुख किया और चिमनी की रोशनी में अपनी पढ़ाई पूरी की. थर्ड ग्रेड शिक्षक परीक्षा में 3 बार, सेकेंड ग्रेड में 3 बार और फर्स्ट ग्रेड में 5 बार असफल होने के बाद भी गणेशाराम ने हार नहीं मानी. गणेशाराम के परिवार की आर्थिक हालात उसके कदमों को जगाने का काम कर रही तो उसके पिता के शब्द उसे निरंतर आगे बढ़ने का हौसला दे रहे थे. कई बार असफल होने के बावजूद गणेशाराम ने अपनी हिम्मत को नहीं हारी और आखिरकार गणेशाराम ने हाल में आयोजित राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा फर्स्ट ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में राज्य में 18 वी पायदान हासिल की है. उन्होंने बाड़मेर में पहला स्थान हासिल किया और जोधपुर संभाग में वो दूसरे स्थान पर है.