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'मरु गंगा' में फिर पहुंचा पाली फैक्ट्रियों का दूषित पानी, किसानों में भारी आक्रोश

पाली की फैक्ट्रियों से दूषित पानी प्रवाहित होकर बाड़मेर के सिवाना तक पहुंचने लगा है. गत मंगलवार ये पानी बाड़मेर जिले के समदड़ी पंचायत समिति क्षेत्र के पातों का बाड़ा गांव तक पहुंचा. जिसके बाद ग्रामीणों ने मौके पर पहुंच कर भारी आक्रोश जताया, साथ ही पाली जिला कलेक्टर अंशदीप से फोन पर बातचीत की गई और दूषित पानी के जलप्रवाह को रोकने की मांग की गई.

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नदी में दूषित पानी से किसानों में गुस्सा

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Published : Jul 1, 2020, 5:51 PM IST

सिवाना (बाड़मेर).मानसून की दस्तक से पहले ही पाली की फैक्ट्रियों से दूषित पानी प्रवाहित होने लगा है. जिसे बिना निस्तारण के नेहड़ा बांध में केमिकल युक्त दूषित पानी के जलभराव को लूणी नदी में छोड़ा जा रहा है. जो मंगलवार को बाड़मेर जिले के समदड़ी पंचायत समिति क्षेत्र के पातों का बाड़ा गांव तक पहुंचा. जिस पर कांग्रेस सेवादल प्रदेश संगठन मंत्री हुकम सिंह अजीत ने मौका मुयायना कर पाली जिला कलेक्टर अंशदीप से फोन पर बातचीत की, साथ ही जनहित में वस्तुस्थिति से अवगत करवाया.

नदी में दूषित पानी से किसानों में गुस्सा

इस दौरान उन्होंने अविलम्ब दूषित जल प्रवाह को रोककर आक्रोशित किसानों को राहत पहुंचाने और जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की. बता दें कि पाली वस्त्र उद्योग के कारखानों से निकलने वाले रसायन युक्त प्रदूषित पानी के निस्तारण को लेकर राज्य सरकार एनजीटी न्यायलय के आदेशानुसार समय-समय पर समीक्षा करती है. फिर भी वस्त्र कारखाना संचालक एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्मिक चोरी छुपे रसायन युक्त दूषित पानी को लूणी नदी में छोड़ने से बाज नहीं आ रहें हैं. जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है.

'मरु गंगा' में फिर पहुंचा रसायन युक्त दूषित पानी...

जिले की समदड़ी क्षेत्र से प्रवाहित होने वाली मरू गंगा के नाम से विख्यात लूणी नदी में पाली फैक्ट्रियों का रसायन युक्त दूषित पानी आता आता है. बारिश शुरू होने के साथ ही दूषित पानी के तटवर्तीय क्षेत्र से जुड़े गांवों में पहुंचने से ग्रामीणों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंची हुई हैं. कारण साफ है कि दूषित पानी से रिचार्ज कुओं से होने वाली सिंचाई से कृषि योग्य भूमि भी बंजर हो रही हैं. यही नहीं इस पानी का उपयोग करने के बाद से फसल भी खराब हो जाती है और अगर उपज होती भी है तो गुणवत्ता पूर्ण नहीं होती. भीषण गर्मी में दूषित पानी के पेयजल के उपयोग में आने से गंभीर बीमारियों के संक्रमण और जानवरों में त्वचा रोग फैलने की संभावना भी बढ़ जाती है.

नदी में पहुंचा फैक्ट्रियों का दूषित पानी

दूषित पानी के समदड़ी क्षेत्र में पहुंचने पर किसानों के साथ कांग्रेस सेवादल प्रदेश संगठन मंत्री हुकम सिंह अजीत भी मौके पर पहुंचे और जायजा लिया. साथ ही फोन पर पाली जिला कलेक्टर अंशदीप जिनका बाड़मेर में पदस्थापन रहा हैं उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत करवाया और नेहड़ा बांध से दूषित पानी के जलप्रवाह को रोकने की मांग की. इसके साथ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्मिकों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की.

खेजड़ियाली गांव के पूर्व सरपंच ममता भील ने बताया कि हर वर्ष मानसून की पहली बारिश में पाली ओद्योगिक इकाइयों से निस्तारित रसायन युक्त दूषित पानी को छोड़ा जाना आम बात हो गई हैं. अब तो मुख्यमंत्री स्वयं संज्ञान लेकर इसका स्थाई समाधान करेंगे, तो ही किसानों को राहत मिल सकती हैं. वहीं किसान गंगा सिंह भाटी ने बताया कि चहुमुंखी विकास के लिए विख्यात लूणी नदी में पाली की फैक्ट्रियों से निस्तारित केमिकल युक्त दूषित पानी का छोड़ा जाना यकीनन किसानों के साथ धोखा है.

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इस मौके पर लूणी नदी के तट पर पहुंचे समाजसेवी महेश कुमार श्रीमाली ने बताया कि लूणी नदी में समय रहते पाली फैक्ट्रियों के केमिकल युक्त दूषित जलप्रवाह को नहीं रोका गया, तो पैदावार व गुणवत्ता प्रभावित होगी. जो किसानों के लिए आर्थिक संकट से कम नहीं है. इस दौरान कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग ब्लॉक अध्यक्ष गुल मोहम्मद रंगरेज, अजीत पूर्व सरपंच अनिल राठौड़, मदनलाल भील महासचिव सहित आसपास के गांवों के ग्रामीण उपस्थित रहे.

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