सिवाना (बाड़मेर).मानसून की दस्तक से पहले ही पाली की फैक्ट्रियों से दूषित पानी प्रवाहित होने लगा है. जिसे बिना निस्तारण के नेहड़ा बांध में केमिकल युक्त दूषित पानी के जलभराव को लूणी नदी में छोड़ा जा रहा है. जो मंगलवार को बाड़मेर जिले के समदड़ी पंचायत समिति क्षेत्र के पातों का बाड़ा गांव तक पहुंचा. जिस पर कांग्रेस सेवादल प्रदेश संगठन मंत्री हुकम सिंह अजीत ने मौका मुयायना कर पाली जिला कलेक्टर अंशदीप से फोन पर बातचीत की, साथ ही जनहित में वस्तुस्थिति से अवगत करवाया.
इस दौरान उन्होंने अविलम्ब दूषित जल प्रवाह को रोककर आक्रोशित किसानों को राहत पहुंचाने और जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की. बता दें कि पाली वस्त्र उद्योग के कारखानों से निकलने वाले रसायन युक्त प्रदूषित पानी के निस्तारण को लेकर राज्य सरकार एनजीटी न्यायलय के आदेशानुसार समय-समय पर समीक्षा करती है. फिर भी वस्त्र कारखाना संचालक एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्मिक चोरी छुपे रसायन युक्त दूषित पानी को लूणी नदी में छोड़ने से बाज नहीं आ रहें हैं. जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है.
'मरु गंगा' में फिर पहुंचा रसायन युक्त दूषित पानी...
जिले की समदड़ी क्षेत्र से प्रवाहित होने वाली मरू गंगा के नाम से विख्यात लूणी नदी में पाली फैक्ट्रियों का रसायन युक्त दूषित पानी आता आता है. बारिश शुरू होने के साथ ही दूषित पानी के तटवर्तीय क्षेत्र से जुड़े गांवों में पहुंचने से ग्रामीणों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंची हुई हैं. कारण साफ है कि दूषित पानी से रिचार्ज कुओं से होने वाली सिंचाई से कृषि योग्य भूमि भी बंजर हो रही हैं. यही नहीं इस पानी का उपयोग करने के बाद से फसल भी खराब हो जाती है और अगर उपज होती भी है तो गुणवत्ता पूर्ण नहीं होती. भीषण गर्मी में दूषित पानी के पेयजल के उपयोग में आने से गंभीर बीमारियों के संक्रमण और जानवरों में त्वचा रोग फैलने की संभावना भी बढ़ जाती है.