बाड़मेर.नगर परिषद में कांग्रेस बोर्ड का एक वर्ष पूर्ण होने पर शुक्रवार को नगर परिषद के सभापति दिलीप माली ने प्रेस वार्ता का आयोजन कर अपने कार्यकाल का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद भी हमारे बोर्ड ने शहर के विकास कार्य की गति को रुकने नहीं दिया.
सभापति दिलीप माली ने दिया कार्यकाल का लेखा-जोखा उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और बाड़मेर विधायक के निर्देशों की पालना करते हुए शहर में कोई भूखा ना सोए, इसके लिए प्रयास शुरू किए. भामाशाह और पार्षदों के सहयोग से शहर भर में सूखे राशन की तैयार कर खाने के पैकेट बांटे का कार्य प्रारंभ किया गया. नगर परिषद के कार्मिकों ने पूरी लगन के साथ काम करते हुए सही लोगों तक पहुंचाने का कार्य किया.
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उन्होंने कहा कि अनलॉक के बाद शहर पटरी पर लौटने लगा, तब हमने राजस्व को लेकर प्रयास शुरू किए. राजस्थान सरकार से शीतलता मिलते ही शहर में 15 कॉलोनियों के पट्टे जारी करने का कार्य प्रारंभ किया. साथ ही यूडी टैक्स सहित किराए पर चल रही प्लेन देरी को लेकर प्लान बनाकर कार्य किया. शहर में सफाई लाइट व्यवस्था सड़क सुधारने के लिए प्रयास किए गए.
उन्होंने कहा कि दिवाली से पूर्व शहर के सभी वार्डों में सड़क के मरम्मत का कार्य किया गया. राजस्व बढ़ोतरी के लगातार प्रयास के चलते शहर के विकास कार्यों ने ना केवल गति पकड़ी. वहीं आगे सब कुछ रहा तो जल्द ही शहर में नियमित पट्टे जारी करने, शहर में साफ-सफाई व्यवस्था मजबूत करने, सफाई टैक्सियों के नियमित करने के प्रयास के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करने शहर में रोड लाइटों की सुचारू रखने सहित कार्य व्यवस्थाओं को और मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा. विभिन्न बड़ी कंपनियों सामंजस्य स्थापित कर सीएसआर के तहत ठोस कचरा निस्तारण हेतु तकरीबन एक करोड़ की लागत की मशीन और नंदी गौशाला में निराश्रित पशुओं के लिए पोस्टिक सेवन घास का प्रोजेक्ट जल्द ही प्रारंभ किया जाएगा.
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ये हैं 1 साल कार्यकाल की उपलब्धियां
- कोरोना काल- सूखे राशन के 6800, फूड पैकेट 18000, गेहूं के 1840 कट्टे सभी के सहयोग से जरूरतमंद लोगों में बांटे गए
- 2.50 करोड़ के विकास कार्य शहर में सड़क, नाली निर्माण, मुख्य मार्गों के पेच वर्क का कार्य, पार्क का सौंदर्यीकरण
- 15 सौ से अधिक पौधारोपण- शहर के सौंदर्यीकरण एवं पर्यावरण रक्षा को लेकर शहर के विभिन्न स्थानों पर 15 सौ से अधिक पौधे रोपे गए
- शहर हुआ आवारा पशुओं से मुक्त- शहर की सबसे बड़ी समस्या आवारा पशुओं से निजात दिलाने के प्रयास में नंदी गौशाला में 1937 अधिक पशुओं को भेजा गया
- पट्टा वितरण- 80 से अधिक पट्टे जारी किए गए , 25 व्यवसायिक निर्माण स्वीकृति प्रदान की गई सहित कई कार्यों का लेखा जोखा विस्तार से बताया