शाहबाद (बारां).प्रदेश में कोरोना के चलते लॉकडाउन लगा हुआ है, ऐसे में शाहबाद आदिवासी अंचल क्षेत्र में निवास करने वाले गरीब मजलूम वर्ग के लोगों को मेहनत मजदूरी नहीं मिलने से परिवार का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया है. ऐसे में अब सहरिया परिवार जंगलों का रुख करने लगे हैं.
बता दें, कि जंगलों से महुआ लाकर अपने परिवार का भरण पोषण करने में लगे हुए हैं. जंगलों में महुआ संग्रहण करने के लिए कई परिवारों ने डेरे डाल दिए हैं. परिवार के लोगों का कहना है, कि महुआ संग्रहण से अच्छी आमदनी हो जाती है. अब लॉकडाउन के चलते रोजगार भी नहीं मिल रहा है. ऐसे में जंगलों पर निर्भर रहकर ही अपनी आजीविका का संचालित कर रहे हैं. महुआ संग्रहण कर एक साथ व्यापारी को बेचते हैं तो अच्छी मोटी इनकम हो जाती है.
गोविंदा सहरिया ने बताया, कि कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन लगा हुआ है. ऐसे में घर परिवार का खर्चा चलाना मुश्किल साबित हो रहा है. घर परिवार के बाल बच्चों को लेकर के जंगलों में महुआ बीनने के लिए सहरिया परिवार डेरा जमाए हुए हैं. अगर घर पर रहे तो कोई खाने पीने का जुगाड़ नहीं है. थोड़ी बहुत राशन मिलता है, उससे घर परिवार में खर्चा चलाने का जुगाड़ नहीं हो पाता है. ऐसे में मजबूर होकर घर परिवार के बच्चों को लेकर जंगलों में पड़े रहना मजबूरी बन गया है.
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