बांसवाड़ा. बारिश की कामना को लेकर देशभर में विभिन्न प्रकार के टोटकों को आजमाया जा रहा है. वहीं आदिवासी बहुल बांसवाड़ा में इंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए वर्षों से एक परंपरा चली आ रही है. इसके तहत यहां मेंढक और मेंढकी का विवाह रचाया जाता है.
यह पूरा आयोजन ढेकली माता बाजार के व्यापारी करते हैं. जिसमें समाज के हर वर्ग से लोग शामिल होते हैं. अच्छी बारिश की कामना को लेकर बुधवार को शहर में बांसवाड़ा जिले में बुधवार अच्छी बारिश के लिए मेंढक और मेंढकी के जोड़े को इत्र के पानी में नहलाया गया. इसके बाद नए कपड़े पहनाए गए. नए कपड़े पहनाने से पहले दोनों को कलावा बांधकर तिलक आदि भी किया गया.
बारिश की कामना में रचाया मेंढक-मेंढकी का विवाह शादी के लिए बनाए गए मंडप में सात फेरे दिलाए गए. इस दौरान कई लोग ढोल नगाड़ों पर जमकर नृत्य भी कर रहे थे. यह आयोजन हमेशा की तरह इस बार भी क्रांतिकारी तरुण मंच के बैनर तले सामाजिक कार्यकर्ता अशोक मदहोश की ओर से किया गया. अशोक मदहोश बीते कई सालों से यह आयोजन करते आ रहे हैं.
मदहोश ने कहा कि जीव जंतुओं को परेशान करना उनका मकसद कतई नहीं है. इसलिए जिस तालाब से मेंढक को पकड़कर लाते हैं. उन्हें उसी तालाब में शादी के बाद वापस छोड़ जाते हैं. व्यापारी और सामाजिक कार्यकर्ता मदहोश का दावा है कि उनके इस तरह के आयोजन से हमेशा बारिश होती है. उन्हें विश्वास है कि एक-दो दिन में निश्चित रूप से बारिश होगी.