अलवर.886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला अलवर का सरिस्का (Sariska Tiger Reserve) देश का अकेला सबसे अलग टाइगर रिजर्व क्षेत्र है. सरिस्का में इस समय 23 बाघ-बाघिन हैं. इसके अलावा 500 से अधिक पैंथर, नीलगाय, बारहसिंघा, हिरण, भालू सहित कई अन्य वन्यजीव हैं. भीषण गर्मी के दौरान वन्यजीवों को पानी के लिए परेशान होना पड़ता है.
अलवर: सरिस्का में वन्यजीवों को अब नहीं होगी पानी की कमी, इंतजाम के लिए कई बड़ी कम्पनियां आईं आगे
अलवर के सरिस्का टाइगर रिजर्व (Sariska Tiger Reserve) पार्क में वन्यजीवों (Wildlife) को अब पानी की कमी नहीं होगी. जल्द ही सरिस्का में जल प्रबंधन के तहत नए ट्यूबवेल, ट्यूबवेल के लिए सोलर सिस्टम, पानी के कुंड, सहित कई कार्य किए जाएंगे.
बता दें सरिस्का प्रशासन की तरफ से टैंकर और ट्यूबवेल की मदद से सरिस्का क्षेत्र में पानी छोड़ा जाता है. लेकिन हर साल पानी के हालात खराब ही रहते हैं. ऐसे में कई बड़ी कंपनियां अब सरिस्का में पानी की व्यवस्था करने के लिए आगे आई हैं. सरिस्का के सीसीएफ आरएन मीणा ने बताया सरिस्का में 10 ट्यूबवेल सोलर पैनल सहित लगाए जाएंगे. ये सभी सिस्टम पानी रिचार्ज और पानी क्रिएशन सहित डिवेलप किए जाएंगे. जिससे साल भर वन्यजीवों के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सके. सरिस्का प्रशासन की मानें तो इसके लिए योजना तैयार हो चुकी है. जल्द ही सरिस्का में काम शुरू हो जाएगा.
पढ़ें:अलवर : शहर में पेयजल का संकट, भीषण गर्मी में दिव्यांग, बुजुर्ग और सफाईकर्मी महिलाएं पहुंची जलदाय विभाग
सरिस्का में पानी की व्यवस्था होने से वन्य जीवों को खासा फायदा होगा. पानी की तलाश में कई बार वन्यजीव जंगल छोड़कर आबादी क्षेत्र में आ जाते हैं. जिसके चलते आए दिन घटनाएं होती रहती हैं. साथ ही वन्यजीवों के लोगों पर हमले और लोगों द्वारा अपनी जान बचाने के लिए वन्य जीवो पर हमले के मामले भी सामने आते रहे हैं. सरिस्का का जंगल क्षेत्र खासा बड़ा है जहां अब भी 29 गांव बसे हुए हैं. हांलाकि सरिस्का प्रशासन की तरफ से सभी गांव को विस्थापित करने की प्रक्रिया की जा रही है. वहीं लगातार बाघों का कुनबा भी बढ़ रहा है जिससे की पानी की जरूरत ज्यादा बढ़ गई है. सरिस्का प्रशासन की मानें तो जल प्रबंधन के कार्यों से वन्यजीवों को राहत मिलेगी.