अलवर. जिले में थानागाजी जैसी गैंगरेप की घटनाएं हो चुकी है तो वहीं मॉब लिंचिंग और गौ तस्करी के लिए अलवर देशभर में बदनाम हो रहा है. जिले में तेजी से बढ़ते क्राइम के ग्राफ को देखते हुए ही सरकार की ओर से अलवर में 2 एसपी लगाए गए है. लेकिन उसके बाद भी ऐसी घटनाओं का सिलसिला लगातार जारी है. बदमाश खुलेआम घटनाओं को अंजाम दे रहे है तो वहीं पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है.
अलवर नहीं रहा महिलाओं और बालिकाओं के लिए सुरक्षित अलवर में 24 घंटे के दौरान 3 दुष्कर्म की घटनाएं सामने आ चुकी है. इन घटनाओं ने अलवर को एक बार फिर से शर्मसार किया है. पहली घटना अलवर के प्रतापगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई. जहां रात को युवकों ने एक युवती के साथ दुष्कर्म किया. हालांकि घटना के बाद मौके से फरार तीन युवकों को ग्रामीणों ने घेरकर बंधक बना लिया था.
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रात भर बंधक बनाने की बाद उनको पुलिस के हवाले कर दिया गया. इसी तरह से राजगढ़ थाना क्षेत्र के गांव में नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है. इसमें एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया. जबकि तीसरी घटना अलवर के रैणी थाना क्षेत्र में हुई. यहां एक विवाहिता से दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है. पुलिस ने बताया कि एक विवाहिता ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसके परिजन खेत पर गए हुए थे.
उसी दौरान रात 11 बजे 2 व्यक्ति आए, जिनमें से एक को वह पहचानती है. दोनों ने उसका मुंह बंद किया और बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया. उसी दौरान शोर मचाने पर दोनों व्यक्ति फरार हो गए. पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करते हुए आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है. वहीं अन्य घटनाओं में भी पुलिस द्वारा जांच पड़ताल की जा रही है.
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अलवर में आए दिन हो रही इन घटनाओं ने कानून व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है तो वहीं विपक्षी पार्टियां भी सरकार पर जमकर हमला बोल रही है. यही हालात रहे तो आने वाले समय में स्थितियां और खराब हो सकती है. ऐसे में पुलिस प्रशासन को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है.