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पानी की किल्लतः महिलाओं ने पीएचईडी कार्यालय में फोड़े पानी के मटके और धोए कपड़े

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Published : May 30, 2023, 6:48 PM IST

अजमेर के लोहागल क्षेत्र में पानी की समस्या से त्रस्त महिलाओं ने पीएचईडी कार्यालय का घेराव कर मटका फोड़ प्रदर्शन किया.

Women protest at PHED office in Ajmer
पानी की किल्लतः महिलाओं ने पीएचईडी कार्यालय में फोड़े पानी के मटके और धोए कपड़े

अजमेर. शहर में पेयजल समस्या से त्रस्त महिलाओं ने लोहागल क्षेत्र में पीएचईडी विभाग के कार्यालय का घेराव कर मटका फोड़ प्रदर्शन किया. महिलाओं ने कार्यालय परिसर में ही विरोध स्वरूप कपड़े भी धोए. महिलाओं का आरोप है कि 72 से 96 घन्टे क्षेत्र में पानी की सप्लाई नहीं होने के कारण लोगों को पेयजल की समस्या की वजह से काफी परेशान होना पड़ता है.

महिलाओं ने अल्टीमेटम दिया है कि पीएचईडी के अधिकारी क्षेत्र में पानी की समस्या को दुरुस्त करें, नहीं तो महिलाएं पीएचईडी कार्यालय आकर ही दिनचर्या के काम यही करेंगे. अजमेर शहर में वार्ड 62 में रहने वाले लोगों का सब्र मंगलवार को जवाब दे गया. क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में पेयजल समस्या को लेकर लोहागल स्थित पीएचईडी कार्यालय पहुंचे. पेयजल समस्या से त्रस्त लोगों में ज्यादा संख्या महिलाओं की थी. जाहिर है घर के पुरुष काम के सिलसिले में बाहर चले जाते हैं, तब महिलाओं को पानी की समस्या का सामना करना पड़ता है.

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महिलाओं का आरोप है कि वार्ड 62 में 72 से 96 घंटे के अंतराल में पेयजल की सप्लाई दी जाती है. सप्लाई का भी समय निश्चित नहीं है. कई मकानों में पानी के टैंकर नहीं हैं. 2 से 3 दिन में रात को जब पानी की सप्लाई दी जाती है, उस वक़्त ही सारे गंदे कपड़े भी धोने पड़ते हैं. कई बार पीएचईडी विभाग के अधिकारियों को समस्या के लिए लिख कर भी दिया जा चुका है, लेकिन वर्षों से क्षेत्र में समस्या जस की तस बनी हुई है. महिलाओं का कहना है कि जल्द ही क्षेत्र की पानी की समस्या का निराकरण नहीं किया गया, तो क्षेत्र की महिलाएं पीएचईडी कार्यालय परिसर में ही कपड़े धोने से सहित दिनचर्या यही करेंगी.

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क्षेत्र के पार्षद निक्की तूनवाल ने बताया कि कई वर्षों से क्षेत्र में पेयजल समस्या बनी हुई है. कई बार विभागीय अधिकारियों को लिखकर दिया जा चुका है. उन्होंने कहा कि हम यह नहीं कहते कि 24 घंटे में पानी दो, लेकिन 46 घंटे में तो पानी की सप्लाई विभाग करे. वार्ड में 30 से 35 वर्ष पुरानी पाइपलाइन है, जो कई जगह से टूट गई है. इस कारण जल की बर्बादी होती है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में जलापूर्ति होती है, लेकिन प्रेशर लो आता है. जबकि 3 वर्ष पहले तक पानी प्रेशर से आया करता था.

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