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अजमेर : प्राइवेट बस स्टैंड बना पार्किंग और विश्रामस्थल

अजमेर में करोड़ों रुपए की लागत से बना प्राइवेट बस स्टैंड पार्किंग स्थल और जायरिनों के लिए विश्राम स्थल बन गया है. प्राइवेट बस स्टैंड का मूल उद्देश्य कभी पूरा नहीं हुआ. बल्कि इसकी आड़ में मनमानी वसूली हो रही है.

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Published : Jul 14, 2019, 11:32 AM IST

प्राइवेट बस स्टैंड बना पार्किंग और विश्रामस्थली

अजमेर.जिले में बना प्राइवेट बस स्टैंड अब पार्किंग स्थल और जायरिनों के लिए विश्राम स्थल बन गया है. प्राइवेट बस स्टैंड का मूल उद्देश्य कभी पूरा नहीं हुआ. बल्कि इसकी आड़ में मनमानी वसूली हो रही है. खास बात यह है कि मनमानी वसूली करने वालों को जरा भी डर नहीं है.यहां पार्किंग शुल्क और रेहड़ी वालों को रसीद की जगह परियोजना अजमेर पुष्कर सिटी बस का टिकट थमा दिया जाता है. अजमेर से एक्सक्लूसिव विशेष रिपोर्ट.

बस स्टैंड बना पार्किंग और विश्रामस्थली

अजमेर में कोटड़ा इलाके में बेशकीमती जमीन पर बना प्राइवेट बस स्टैंड पिछली गहलोत सरकार में बना था. इसके बाद 5 साल बीजेपी सरकार रही. लेकिन 10 करोड़ की लागत से बने प्राइवेट बस स्टैंड की कभी सुध नहीं ली गई. अलबत्ता प्राइवेट बस स्टैंड को ठेका देकर पार्किंग की तरह इस्तेमाल किया जाने लगा.

यही नहीं यहां खड़े होने वाले वाहनों को पार्किंग रसीद की जगह परियोजना अजमेर पुष्कर सिटी बस का टिकट थमाया जा रहा है. बावजूद इसके क्षेत्र के विधायक वासुदेव देवनानी मूल उद्देश्य खो चुके प्राइवेट बस स्टैंड की तरह शहर में ऐसे दो और प्राइवेट बस स्टैंड बनाए जाने की बात कह रहे हैं.जबकि कांग्रेसी प्राइवेट बस स्टैंड की आड़ में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप पूर्व वसुंधरा सरकार और नगर निगम पर मंड रहे हैं.

देवनानी का कहना है कि प्राइवेट बस स्टैंड के रखरखाव के लिए नगर निगम को ठेका दिया है. देवनानी ने कहा कि उन्होंने अजमेर में ऐसे दौर प्राइवेट बस स्टैंड बनाए जाने का प्रस्ताव परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को दिया है. देवनानी शहर में दो और प्राइवेट बस स्टैंड बनाना चाहते हैं जबकि उनके क्षेत्र में बने प्राइवेट बस स्टैंड की बेकद्री भी उन से छुपी हुई नहीं है.

भाजपा शासन में प्राइवेट बसों का बस स्टैंड पर एक दिन भी ठहराव नहीं हुआ . ऐसे में करोड़ों की लागत से प्राइवेट बस स्टैंड पार्किंग स्थल और अजमेर आने वाले जायरीन के लिए विश्राम स्थल बन चुका है. जहां अन्य प्रदेशों से आने वाली जायरीन की बसों से मनमानी पार्किंग वसूली की जा रही है.

बस चालकों को रसीद के बदले दिए जाते हैं परियोजना अजमेर पुष्कर सिटी बस के टिकट

बस चालकों को रसीद के बदले परियोजना अजमेर पुष्कर सिटी बस के टिकट थमा दिए जाते हैं. जनता की मेहनत की कमाई से बने प्राइवेट बस स्टैंड की बेकद्री इस हद तक हो रही है कि जायरीन के लिए हर रोज यहां हटवाड़ा भरने लगा है. जहां यात्रियों की चहल-पहल होनी चाहिए वहां रेहड़ी वाले जम गए हैं . वहीं इन गरीब रेहड़ी वालों से भी वसूली कर उन्हें परियोजना अजमेर पुष्कर सिटी बस का टिकट थमाई जा रही है.

शहर कांग्रेस के महासचिव शिव बंसल ने लगाया आरोप

शहर कांग्रेस के महासचिव शिव बंसल ने आरोप लगाया है कि नगर निगम प्राइवेट बस स्टैंड की आड़ में कंपनी को 13लाख का ठेका देकर अपना राजस्व बड़ा रही है. बंसल का आरोप है कि नगर निगम ने प्राइवेट बस स्टैंड का दुरुपयोग करने और लूट का खसोट करने की खुली छूट दे दी है.

सचिन पायलट ने किया था उद्घाटन

प्राइवेट बस स्टैंड सन 2012 में 10 करोड़ की लागत से बना था. इसका उद्घाटन तत्कालीन अजमेर सांसद और केंद्र में सूचना प्रौद्योगिकी और दूर संचार राज्य मंत्री सचिन पायलट ने किया था. इसका मुख्य उद्देश्य अजमेर के बीच बने प्राइवेट बस स्टैंड की वजह से बढ़ रहे यातायात के दबाव को कम करना था. इसलिए पुराने बस स्टैंड को हटाकर नया बस स्टैंड बनाया गया.

इस प्राइवेट बस स्टैंड पर अजमेर-नागौर, अजमेर-पुष्कर की प्राइवेट बसों के ठहराव और उनकी पार्किंग का मूल उद्देश्य था लेकिन नए प्राइवेट बस स्टैंड पर मूल उद्देश्य अभी तक सार्थक नहीं हो पाया है. बस स्टैंड की आड़ में पार्किंग और विश्राम स्थली बन गई है. जहां खुलेआम परियोजना अजमेर पुष्कर सिटी बस का टिकट देकर मनमानी वसूली की जा रही है.

चारों तरफ गंदगी

प्राइवेट बस स्टैंड की बेकद्री ऐसी है कि चारों तरफ गंदगी का आलम है. पीने का स्वच्छ पानी लोगों को नहीं मिल रहा है. बस स्टैंड के प्लेटफार्म पर लगे पंखों की पंखुड़ियां को असामाजिक तत्व भी तोड़ कर ले गए हैं. बस स्टैंड पर स्थित पुलिस चौकी तो बनी हुई है. लेकिन यहां कभी पुलिसकर्मी बैठे ही नहीं मिलते.

यात्रियों की सुविधा के लिए बनाया गया सुलभ कंपलेक्स को देखें तो बनने के बाद तो इसके बुरे दिन शुरू हो गए. हाल ही में पुणे की कंपनी के ठेकेदार को यहां पार्किंग का ठेका दिया गया है. ठेकेदार के प्रतिनिधि ने बताया कि अन्य प्रदेशों से आने वाली बसों की पार्किंग यहां की जा रही है.

प्राइवेट बस स्टैंड पर प्राइवेट बसों का ठहराव होता नहीं तो जाहिर है यहां यात्री भी नहीं आते. ऐसे में कुछ महीनों से यहां जायरीन की बसें पार्किंग होती है और जायरीन विश्राम स्थली के रूप में प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं. ऐसे में देखना होगा कि सरकरा कब तक इसकी सुध ले पाती है.

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