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संगीत की प्रतिभाएं अनदेखी का शिकार, ब्यावर में एकमात्र संगीत विद्यालय, उसमें भी शिक्षक नहीं

अजमेर जिला के ब्यावर कस्बे के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय छावनी में संचालित हो रहे संगीत विषय में इस सत्र में महज 59 छात्राएं संगीत शिक्षा प्राप्त कर रही है. वर्तमान में कक्षा 11वीं में 29 व 12वीं में 30 छात्राएं अध्ययनरत है. स्कूल प्रशासन के कर्मचारियों ने बताया कि एक मात्र स्कूल में भी संगीत शिक्षक नहीं होने के कारण वर्षवार छात्राओं का नामांकन गिरता जा रहा है.

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Published : Aug 8, 2019, 6:55 AM IST

Updated : Aug 8, 2019, 8:04 AM IST

government schools, music subject is conducted

अजमेर .जिले के ब्यावर कस्बे में संगीत की प्रतिभाएं सरकार की अनदेखी का शिकार हो रही है. आलम यह है कि ब्यावर उपखंड की 45 सरकारी विद्यालयों में से मात्र 1 छात्रा को विद्यालय में ही संगीत विषय उपलब्ध करवाया गया है.

सरकारी विद्यालय में संगीत विषय संचालित,

एकमात्र विद्यालय में भी पिछले 8 सालो से संगीत शिक्षक का पद खाली चल रहा है. मौजूदा हालातों में विद्यालय प्रशासन को अपने स्तर पर संगीत शिक्षक रखकर छात्रों के नामांकन को रोकने का प्रयास किया जा रहा है.ऐसे में संगीत में रुचि रखने वाली बालिकाओं को संगीत क्षेत्र में अपनी प्रतिभा को निखारने का बेहतर मौका नही मिल पा रहा है.

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देश में एक और जहां कलाकार संगीत के मंच पर देश विदेश में नाम कमा रहे हैं. वहीं शिक्षा विभाग प्रतिभावान विद्यार्थियों की कला को निखारने पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. इसका कारण ब्यावर उपखंड में संचालित 45 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में से महज एक स्कूल राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय छावनी में संगीत विषय संचालित हो रहा है. बेपरवाही की आलम यह है कि एक स्कूल में संगीत विषय चल तो रहा है, लेकिन शिक्षक का पद बीते आठ साल से खाली पड़ा है. विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए स्कूल प्रशासन विकास समिति के फंड से संविदा पर संगीत शिक्षक को नियुक्त कर छात्राओं को संगीत की शिक्षा दिला रहा है.

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विद्यालय में संगीत विषय का चयन करने वाली बालिकाओं की भी सरकार से मांग है कि उन्हे सरकार द्वारा नियुक्त संगीत शिक्षक की बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवाए ताकि वो अपनी प्रतिभा को निखार सके.सरकार राजकीय विद्यालयों में नामांकन वृद्धि के लिए नित नई योजनाएं संचालित कर रही है. लेकिन विषय अनुसार अध्यापकों की नियुक्त नहीं कर पा रही है.

इसका सीधा फायदा निजी विद्यालय उठा रहे है जहां संगीत कला, नृत्य कला जैसे विषय संचालित कर विद्यार्थियों को अपनी और आकर्षित कर रहे है.

Last Updated : Aug 8, 2019, 8:04 AM IST

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