अजमेर.जिले में एसटी एससी कोर्ट ने दहेज हत्या के मामले में मृतका के पति को 7 साल के कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 5 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है. इसके अलावा तीन अलग-अलग धाराओं में भी कोर्ट ने आरोपी को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है.
समाज में दहेज का दानव अभी मरा नहीं है. आज भी चंद रुपयों के लालच में विवाहिताओं को अपनी जान गंवानी पड़ती है. ऐसा ही एक मामला पीसांगन क्षेत्र का हैं. जिसमें एक विवाहिता की दहेज हत्या हुई और मामले में लालची पति को कोर्ट ने सजा सुनाई है. अभियोजन पक्ष के वकील अशरफ बुलंदी ने बताया कि सन 2014 में पीसांगन निवासी टिकेंद्र कुमावत का विवाह मंजू कुमावत के साथ हुआ था. शादी के बाद से ही मंजू के सुसराल पक्ष के लोग उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे. पति और सुसराल पक्ष के जुल्म से परेशान मंजू कुमावत अपने पीहर लौट आई.
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सन 2016 में घटना से चार दिन पहले ही पति और सुसराल पक्ष के लोग मंजू को समझाबुझा कर अपने साथ ले आए. घटना के दिन मंजू ने सुबह अपने पीहर फोन करके कहा था कि मुझे ले जाओ नहीं तो यह लोग मुझे मार देंगे. जब पीहर से उसे लेने उसके पिता पहुंचे तो काफी देर हो चुकी थी. कीटनाशक पीने से मंजू की मौत हो गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत का कारण कीटनाशक का सेवन करने से होना बताया गया है.
इस मामले में मंजू के पिता परबतसर के समीप बिठलिया गांव में निवासी धारुराम कुमावत ने पीसांगन थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. पुलिस ने 304 बी, 478A, 406, 3/4 दहेज प्रतिषेद अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया था. अभियोजन पक्ष ने मामले में कोर्ट में 26 गवाह और 59 दस्तावेज पेश किए. इसके आधार पर कोर्ट ने धारा 304 बी में 7 साल की कारावास और 5 हजार रुपए जुर्माना, 478 A में 3 साल 3 माह कारावास तीन हजार जुर्माना, 406 में 3 वर्ष कारावास 3 माह का कारावास और 3/4 में 2 साल का कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है.