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नगर निगम उदयपुर का डंपिंग यार्ड बना गौवंश के लिए कत्लखाना, प्रशासन बैठा आंख मूंद

हमारे देश में गाय को पूजा जाता है और उसे माता का स्थान दिया गया है. भोजन करने से पहले भी कुछ लोग गौ ग्रास छोड़ते हैं ताकि गौवंश तक भोजन पानी पहुंच सके. लेकिन झीलों के शहर उदयपुर में शासन प्रशासन की लापरवाही गौवंश के लिए ही जानलेवा साबित हो रही है.

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Published : Jul 18, 2020, 3:50 PM IST

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डंपिंग यार्ड बना गौवंश के लिए कत्लखाना

उदयपुर. नगर निगम प्रशासन की लापरवाही अब गौवंश के लिए जानलेवा साबित होने लगी है. शहर में कचरा एकत्रित करने के लिए बना डंपिंग यार्ड अब गौवंश के लिए कत्ल खाना बन गया है.

पिछले लंबे समय से नगर निगम द्वारा शहर के अपशिष्ट पदार्थों को बलीचा डंपिंग यार्ड में लाया जाता है. यहां पर बड़ी मात्रा में अपशिष्ट पदार्थों के पहाड़ बन चुके हैं. जहां पर आम लोगों का पहुंचना भी नामुमकिन सा है. वहीं बीते कुछ समय में यहां पर नगर निगम प्रशासन की लापरवाही के चलते बड़ी संख्या में गौवंश भी एकत्रित हो गई है. सैकड़ों की संख्या में गौवंश यहां पर फंस कर रह गई है. इसके साथ ही प्लास्टिक और कचरा खाने को मजबूर है.

डंपिंग यार्ड बना गौवंश के लिए कत्लखाना

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इन सब के बावजूद नगर निगम प्रशासन द्वारा इन्हें यहां से बाहर नहीं निकाला जा रहा और सैकड़ों की संख्या में गौवंश यहां कचरा खाकर मरने को मजबूर है. अत्यधिक प्लास्टिक के सेवन से यहां पर औसतन 3 से 5 गोवंश की हर दिन मौत हो रही है. जगह-जगह गाय के शव कचरे के बीच संक्रमण का खतरा भी बढ़ा रहे हैं. लेकिन शासन प्रशासन इस पूरे मामले पर आंखें मूंद बैठा है. नगर निगम द्वारा शहर में गोवंश के लिए का इनहाउस बनाया गया है, लेकिन वहां पर भी स्थिति काफी बद से बदतर होती जा रही है. गायों के रहने के लिए वहां भी पुख्ता व्यवस्था नहीं है. ऐसे में अब देखना होगा शहरी सरकार इस पूरे मामले पर कब ध्यान देती है.

डंपिंग यार्ड में लापरवाही की तस्वीर

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बता दें कि इससे पहले स्वायत शासन विभाग द्वारा गोवंश के लिए गौशाला स्थापित कर उन्हें वहां भेजने का नियम बनाया गया था. जिसमें सड़कों पर रहने वाले मवेशियों को गौशाला ले जाने का प्रावधान था. बावजूद इसके सैकड़ों की संख्या में नगर निगम प्रशासन के ही बने डंपिंग यार्ड में गोवंश अब मौत के मुंह में जी रही है. ऐसे में अब देखना होगा नगर निगम में शासन प्रशासन इस पूरे मामले पर क्या कार्रवाई करता है.

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