सीकर.जिले में पंचायत चुनाव का दौर शुरू हो चुका है. वहीं जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव की घोषणा निर्वाचन आयोग ने नहीं की है, लेकिन माना जा रहा है, कि बहुत जल्द इनके चुनाव भी साथ ही होंगे.
बता दें, कि जिले के पंचायत चुनाव में हमेशा कांग्रेस को बढ़त रही है, लेकिन भाजपा ने भी हमेशा कड़ी चुनौती दी है. पिछले चुनाव में प्रदेश में सरकार के चलते भाजपा ने कांग्रेस को जिला परिषद में पटखनी दी थी. लेकिन कांग्रेस और भाजपा के लिए यहां माकपा भी कड़ी चुनौती है. इसी वजह से चुनाव में ज्यादातर जगह त्रिकोणीय मुकाबले होने की संभावना है.
सीकर जिले की बात करें तो यहां पिछले चुनाव में जिला परिषद में भाजपा का बोर्ड बना था और एक बार निर्दलीय का बोर्ड बना. इससे पहले लगातार कांग्रेस का बोर्ड रहा है. लेकिन इसके बाद भी यहां भाजपा ने कांग्रेस को कड़ी चुनौती दी. हालांकि मौजूदा समय में जिले के आठों विधानसभा सीटों पर एक भी भाजपा का विधायक नहीं है. फिर भी भाजपा के दावे को कमजोर नहीं माना जा सकता.
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लोकसभा चुनाव में ग्रामीण क्षेत्रों में मोदी लहर की वजह से भाजपा का आधार बढ़ा है. लेकिन हर बार की तरह इस बार भी माकपा दोनों दलों के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकती है. पिछली बार भी जिला परिषद में 4 सीटें माकपा को मिली थी. इसके अलावा पंचायत समितियों में भी माकपा के सदस्य जीते थे.