कोटा.जिलेमें पूरे देश भर से करीब दो लाख बच्चे मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए आते हैं. लेकिन कोरोना संक्रमण के संकट काल में अधिकांश बच्चे यहां से अपने घर चले गए हैं. अब यह सब बच्चे अपने घर पर हैं. अधिकांश स्टूडेंट ऐसे भी होते हैं, जो कोटा में क्रैश कोर्स करने ही आते हैं.
जिसके जरिए वे सिलेक्ट भी हो जाते हैं, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते यह भी नहीं हो पाया. इन सभी बच्चों के सामने अब डाउट क्लियर करने की भी समस्या आ रही है. हालांकि सभी कोचिंग संस्थान ऑनलाइन क्लासेज के जरिए बच्चों को डाउट क्लियर करवा रहे हैं, लेकिन कई स्टूडेंट्स का कहना है कि उनके डाउट क्लियर नहीं हो पाते हैं. वहीं, अब जेईई और नीट के परीक्षा की तारीख पास आ गई है. पूरे देश भर में करीब 11 लाख बच्चे ऑनलाइन होने वाली जेईई मेंस की परीक्षा में बैठेंगे. इसके साथ ही करीब 15 लाख बच्चे नीट एग्जाम को देंगे.
करोड़ों रुपए की होती है आय
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का कहना है कि करीब 1 से 2 हजार बच्चे कोटा में क्रैश कोर्स की तैयारी करने दूसरे राज्य या शहरों से आते हैं. यह बच्चे ब्रांड एंबेसडर भी बन जाते हैं, क्योंकि पढ़ाई के माहौल में कोटा की जानकारी वे वहां जाकर देते हैं. देव शर्मा के अनुसार करीब 20 से 22 हजार रुपए क्रैश कोर्स की फीस होती है, जिससे करोड़ों की आय होती है.
स्टूडेंट्स को इस से ज्यादा फायदा तो नहीं मिलता है, लेकिन वह यह समझ जाते हैं कि उन्हें मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश के लिए कितनी मेहनत और पढ़ाई करनी होगी. ऐसे में वे अपने भाई या परिचित को भी यह बात बता देते हैं और जो साल भर चलने वाले कोर्स में प्रवेश भी लेते हैं.
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फाइनल टच को बूस्ट करने में मददगार है क्रैश कोर्स
कोटा के करियर काउंसलर अमित आहूजा का कहना है कि क्लास के अंदर टीचर और स्टूडेंट का वन टू वन इंटरेक्शन होता है. इस दौरान डिस्कशन से स्टूडेंट अपने डाउट्स भी सॉल्व करता है. अब बच्चा घर पर आइसोलेट है, बाहर नहीं आ सकता हैं और क्लास नहीं हो रही है. ऐसे में बच्चे को ही पढ़ाई का एनवायरमेंट खुद बनाना होता है. अपना शेड्यूल उसे ही मैनेज करना है.
इस कारण अंतर आ रहा है. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर क्लासेस दी गई है. टेस्ट भी हुए हैं, क्रैश कोर्स भी करवाए गए हैं, लेकिन जो रेगुलर क्लासरूम स्टडी से बच्चों की पढ़ाई में रिदम आता था, वह नहीं हो पा रहा है. क्रैश कोर्स के जरिए भी स्टूडेंट साल भर की पढ़ाई अच्छी हुई है, तो उसे फाइनल टच और बूस्ट देते हैं. लेकिन ऑनलाइन मोड में बच्चा प्रॉपर तरीके से इंटरेक्शन टीचर से नहीं कर पा रहा है.