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Uproar Over Budget Of Nagar Nigam Jodhpur: उत्तर नगर निगम का 688 करोड़ का बजट पास, निमाज हवेली मामले को लेकर हुआ हंगामा

जोधपुर के नगर निगम उत्तर का 688 करोड़ का बजट तो पारित हो गया लेकिन हंगामे (Uproar Over Budget Of Nagar Nigam Jodhpur) के बीच. कांग्रेस के अपने पार्षदों ने खूब हल्ला मचाया. आपस में भिड़े और विपक्षी भाजपा के सुर में सुर मिलाते भी दिखे.

Uproar Over Budget Of Nagar Nigam Jodhpur
उत्तर नगर निगम का 688 करोड़ का बजट पास

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Published : Feb 8, 2022, 1:53 PM IST

जोधपुर. नगर निगम उत्तर का मंगलवार को दूसरा बजट महापौर कुंती देवड़ा ने 688 करोड़ का बजट रखा (688 crore Budget of Nagar Nigam Jodhpur North) जिसे सर्व सम्मति से पास कर दिया गया. लेकिन दो तिहाई से ज्यादा बहुमत वाले कांग्रेस के बोर्ड में उनके ही पार्टी के पार्षदों ने हंगामा (Uproar Over Budget Of Nagar Nigam Jodhpur) किया. आपस में भिड़ गए. यहां तक की उपमहापौर को भी बोलने से टोका.

बजट बैठक में भीतरी शहर की निमाज हवेली का मामला (Nimaj Haveli Case) प्रतिपक्ष ने जोरदार तरीके से उठाया. प्रतिपक्ष नेता लक्ष्मी नारायण और पार्षद संगीता सोलंकी ने इस मामले निगम के अधिकारियों पर अनदेखी का आरोप लगाया. कहा कि वहां अभी काम क्यों चल रहा है. एक साल से जांच रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नही की गई? हंगामा भी हुआ. कांग्रेस के पार्षद शहाबुद्दीन ने भी भाजपा के सुर में सुर मिलाए. इस पर उपायुक्त शैलेंद्र सिंह को जवाब देना पड़ा. मामला शांत नहीं हुआ. प्रतिपक्ष की मांग पर एक सप्ताह में कमेटी बनाए जाने की घोषणा हुई. निगम उत्तर के भवन को लेकर भी आवाजें उठी.

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आपस में भिड़े कांग्रेस पार्षद: कांग्रेस पार्षद भरत आसेरी ने इस मामले को टिप्पणी की जिसको लेकर शहाबुद्दीन और निसार नाराज हो गए, शहाबुद्दीन अपनी सीट छोड़ कर भरत आसेरी से भिड़ने आ गए. लगातार हंगामा होता रहा. निसार अहमद भी इसमें शामिल हो गए. उपमहापौर और अन्य ने बमुश्किल मामला शांत कराया. इससे पहले जब उपमहापौर अब्दुल करीम जानी बोल रहे थे तो शहाबुद्दीन से उनकी तीखी नोक झोंक हुई. महापौर के भाई पार्षद मयंक देवड़ा को भी हस्तक्षेप करना पड़ा.

कमेटियां नही बनने पर नाराजगी: बजट चर्चा के दौरान भवन निर्माण सहित अन्य मामलों के लंबित होने की बात उठी. पार्षदों ने कहा की बिना कमेटियों के निगम के पार्षदों को सुनवाई नहीं हो रही है. अकेली एंपावर्ड कमेटी से ही काम होते हैं. निर्वाचित बोर्ड को एक साल से अधिक का समय हो चुका है लेकिन पार्षदों को शामिल कर कोई कमेटी नहीं बनी. अब बोर्ड बना भी नही सकता क्योंकि बोर्ड गठन के 90 दिन में बोर्ड बना सकता है. अब सरकार ही कमेटियां बनाएगी. बताया जा रहा है मुख्यमंत्री के निर्देश पर कमेटियां बनेगी जबकि भाजपा शासित बोर्ड में कमेटियां बन चुकी हैं.

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