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'सुखोई' को पक्षियों से खतरा, एक साल में 9 लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त - जोधपुर

जोधपुर एअरबेस से उड़ान भरने वाले लड़ाकू विमान सुखाई-30 के लिए इन दिनों यहां का आसमान सुरक्षित नहीं है. कारण है एअरबेस के आस-पास पक्षियों की मौजूदगी. जिसके चलते आए दिन यहां बर्ड हिट के मामले सामने आ रहे हैं. इसको लेकर वायुसेना खासी चिंतित है. 2019 में अब तक बर्ड हिट के 9 मामले हो चुके हैं.

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Published : Aug 2, 2019, 5:13 PM IST

जोधपुर.लड़ाकू विमान सुखाई-30 के लिए इन दिनों जोधपुर का आसमान सुरक्षित नहीं हैं. यहां पक्षियों की मौजूदगी ने वायुसेना की चिंताएं बढ़ा दी है. पक्षियों का जमावड़ा होने का प्रमुख कारण है नजदीक में बड़ा खुला नाला. इसको लेकर वायुसेना स्थानीय प्रशासन से अपनी चिंता जता चुकी है.

'सुखोई' को पक्षियों से खतरा

बता दें कि हाल ही में एक सुखाई विमान के लैडिंग के समय बगुला इंजन में फंस गया, जिसके चलते इंजन बदलने की नौबत आ गई. गनीमत रही कि उस दिन सुखोई था, जिसमें दो इंजन थे. इस पर पायलट ने दूसरे इंजन से लैंडिंग करवाई. लेकिन अब इस पर 45 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इसके अलावा लंबे समय तक लड़ाकू विमान को खड़ा भी रहना पडता है जो सबसे बड़ा नुकसान है. वायुसेना की आपत्ति के बाद स्थानीय प्रशासन ने समस्या के समाधान के लिए आवश्वस्त किया है.

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यूं समझें वायुसेना का नुकसान...
वायुसेना के इस वर्ष 9 लड़ाकू विमान बर्ड हिटिंग के शिकार हुए हैं. इन्हें दुरुस्त करवाने के लिए वायुसेना को 250 करेाड़ रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद एक विमान को सही होने में 6 माह लग जाते हैं. इनका रखरखाव हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड करती है जो एक विमान की प्रारंभिक जांच के लिए ही वायुसेना से एक करोड़ रुपए लेती है.

डॉग मॉड्यूल से नियंत्रित करेंगे...
वायुसेना ने पक्षियों को भगाने के लिए गली-मोहल्ले के डॉग को प्रशिक्षित करने के लिए डॉग मॉड्यूल तैयार करने का बीड़ उठाया है. नगर निगम के सहयोग से आस-पास के डॉग को पक्षियों को भगाने के लिए ट्रेंड किया जाएगा.

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