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जोधपुर: सरकारी डॉक्टरों के निजी अस्पतालों में प्रैक्टिस पर संभागीय आयुक्त ने जताई नाराजगी

जोधपुर के संभागीय आयुक्त और मेडिकल रिलीफ सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. समीत शर्मा ने मेडिकल रिलीफ सोसायटी की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने शहर के तीनों प्रमुख अस्पतालों में मरीजों को बेहतर सुविधाएं और चिकित्सा व्यवस्था सुधारने के संबंध में महत्वपूर्ण निर्देश दिए. साथ ही सरकारी डॉक्टरों के निजी अस्पतालों में प्रैक्टिस करने पर उन्होंने नाराजगी जताई है.

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Published : Sep 5, 2020, 8:19 AM IST

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सरकारी डॉक्टरों के निजी अस्पतालों में प्रैक्टिस पर संभागीय आयुक्त ने जताई नाराजगी

जोधपुर. संभागीय आयुक्त और मेडिकल रिलीफ सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. समीत शर्मा ने शुक्रवार को मेडिकल रिलीफ सोसायटी की पांच घंटे मैराथन बैठक लेकर शहर के तीनों प्रमुख अस्पतालों में रोगियों को बेहतर सुविधाएं और चिकित्सा व्यवस्था सुधारने के संबंध में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए. अस्पतालों में सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक पर्ची बनाने का कार्य किए जाने के निर्देश दिए. पहले मरीज पर्ची बनाने का समय 12 बजे तक ही था.

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डॉ. समीत शर्मा ने अपने निर्देशों में कहा कि नॉन कोविड पेशेंट सर्विस नार्मल करे, जो पहले मरीजों को सेवा मिल रही उसे जारी रखे, सर्जरी पुनः प्रारंभ की जाए, कैंसर मरीजों के किमोथेरेपी के लिए एमजीएच अथवा एमडीएम में तत्काल व्यवस्था करने के निर्देश के दिए. साथ ही निजी अस्पतालों में प्रेक्टिस करने वाले चिकित्सकों के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी.

उन्होंने इसके लिए उड़न दस्ता गठित करने के भी निर्देश दिए. सभी डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और फार्मेसिस्ट आदि निर्धारित यूनिफॉर्म में और 8 बजे अस्पताल पहुंचे और पूरे समय रहे. वरिष्ठ चिकित्सकों सहित समस्त डॉक्टर्स को ओपीडी में पूरे समय बैठना होगा. नर्सिंग स्टॉफ भी पूरे समय रहे. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के कारण सवाल उठते हैं, सुधार लाना होगा.

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अस्पताल के वार्ड आईसीयू आदि में कोई नर्सिंग कर्मचारी मोबाइल का उपयोग नहीं करेगा और मरीज की देखरेख में ध्यान केन्द्रित करेंगे. बैठक में शहर विधायक मनीष पंवार, जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह, मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल तीनों अधीक्षक आरएमआरएफ समिति के अन्य सदस्य के साथ-साथ सभी विभाग अध्यक्ष एवं यूनिट हेड सहित लगभग 100 चिकित्सक उपस्थित थे.

महत्वपूर्ण निर्णय

  • संभागीय आयुक्त अस्पतालों में बिना मास्क आने वाले के विरुद्ध कार्रवाई करने और उनसे निर्धारित जुर्माना वसूलने के निर्देश दिए हैं. साथ ही समस्त भर्ती मरीज के बेड तक दवा पहुंचाना अस्पताल प्रशासन द्वारा सुनिश्चित किया जाए, मरीज के सहायक को बाहर दवा लेने नहीं भेजे जाए, सभी दवा स्टाफ से ही मंगवाई जाए. उन्होंने अस्पताल परिसर में सहकारी उपभोक्ता भंडार जन औषधि योजना के माध्यम से जेनेरिक दवाएं एवं इमप्लांट आदि कम कीमत पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. वर्षो से बंद पड़े लाइफलाइन ड्रग स्टोर को पुन: प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं.
  • अस्पताल में आने वाले रोगी से किसी भी कारण से बधाई के नाम पर या सेवा उपलब्ध कराने के नाम पर वार्ड बॉय, बाई, सिस्टर, नर्सिंग स्टाफ आदि किसी भी कर्मी द्वारा अगर कोई पैसे लिए जाते हैं, तो उनके खिलाफ तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
  • कॉन्ट्रैक्ट पर कार्यरत गार्ड आदि ने यदि ऐसा किया, तो उन्हें तत्काल हटाया जाएगा और ब्लैक लिस्ट किया जाएगा. अस्पतालों में आईसीयू और सीसीयू में सफाई के पैसे मरीज के परिजनों से नहीं लिया जाए.
  • तीनों अस्पतालों में इन्दिरा रसोई योजना शुरू करने के निर्देश दिए, ताकि 8 रुपए में मरीज और परिजनों को सस्ता और शुद्ध भोजन उपलब्ध हो सके. उन्होंने प्राचार्य और अधीक्षकों को 10 सितंबर तक यह व्यवस्था शुरू करने के निर्देश दिए हैं.
  • तीनों अस्पतालों में सरस पार्लर या अन्य कैन्टीन व्यवस्था के एक माह में करने के निर्देश दिए.
  • चौपासनी हाउसिंग बोर्ड सैटेलाइट अस्पताल में दो गायनी चिकित्सक होने के बावजूद प्रसव नहीं होने पर प्रसव सुविधा प्रारंभ करने के निर्देश दिए.
  • उम्मेद अस्पताल में डिलीवरी के समय स्टाफ द्वारा बधाई के रूप लेने-देने की व्यवस्था पर पाबंदी लगाने के निर्देश दिए कि ऐसी शिकायते मिलने पर कार्रवाई की जाए. भविष्य में ऐसा पाए जाने पर संबंधित हेड ऑफ द डिपार्टमेंट और अधीक्षक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.
  • उम्मेद अस्पताल में यथासंभव एक बेड पर दो बच्चों को नहीं सुलाया जाए और एक बेड पर दो महिलाओं को नहीं सुलाया जाए, उनके लिए अलग बेड की व्यवस्था हो.
  • ऑपरेशन के समय मरीज के परिजनों से अनावश्यक सामान और उपकरण मंगाने और उन्हें वापस बाहर के दुकानदारों को बेच देने की शिकायतों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि ऑपरेशन में जो जरूरत हो वहीं मंगाए. भविष्य में ऐसे पाए जाने पर संबंधित ओटी इंचार्ज और सर्जन के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.
  • अस्पतालों में साफ सफाई बेड के धुले चद्दर के लिए निर्देश दिए. अस्पताल की सफाई व्यवस्था के लिए नर्सिंग ग्रेड प्रथम को दायित्व सौंपा जाए, उनके सुपरविजन का कार्य प्रत्येक यूनिट हेड करें और फिर प्रत्येक विभाग की ओपीडी वार्ड ओटी आदि की सफाई की जिम्मेदारी संबंधित विभाग अध्यक्ष की होगी. अपने-अपने अस्पतालों में अच्छी सफाई व्यवस्था रखने का दायित्व संबंधित अधीक्षक का होगा, कोताही पर कठोर कार्रवाई होगी

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