जोधपुर. कोरोना वायरस से संक्रमित हुये और अस्पताल में उपचार करवाने वाले ऐसे अधिवक्ता जो राजस्थान अधिवक्ता कल्याण कोष के सदस्य हैं उनको बार कौंसिल ऑफ राजस्थान कम से कम पच्चीस हजार रूपये एवं अधिकतम एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगा. यह निर्णय बार कौंसिल ऑफ राजस्थान की रविवार को हुई असाधारण सभा की बैठक में निर्णय लिया गया है.
बीसीआर के अध्यक्ष कुलदीप कुमार शर्मा की अध्यक्षता में वीसी के जरिये हुई साधारण सभा की बैठक में यह निर्णय लिया गया है. साधारण सभा ने पांच सदस्यों द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट पर विचार विमर्श कर उसे सर्वसम्मति से लागू करने का निर्णय लिया है. यह भी निर्णय लिया गया कि विशेष परिस्थितियों को देखते हुए कोरोना वायरस (कोविड.19) महामारी को गंभीर बीमारी मानते हुए राजस्थान अधिवक्ता कल्याण कोष अधिनियम की धारा 25(1)(b) के अंतर्गत माना जाए. राजस्थान अधिवक्ता कल्याण कोष के सदस्य सदस्य अधिवक्ता जो कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं और इलाज हेतु सरकारी या निजी अस्पतालों में भर्ती रहे हैं, उन्हें यह अनुग्रह राशि दी जाएगी.
पढ़ेंःराजस्थान के लिए राहत भरी खबर, कोरोना के मामलों में आई कमी, आज 10290 मामले आए सामने
बीसीआर के अध्यक्ष कुलदीप कुमार शर्मा ने बताया कि इसके लिए अधिवक्ता को अस्पताल में भर्ती होना आवश्यक है तथा उसे आवेदन पत्र के साथ सभी मूल दस्तावेज, मूल मेडिकल बिल संलग्न करना होगा. न्यासी समिति उन आवेदनों पर अपना उचित निर्णय लेगी. यदि किसी अधिवक्ता सदस्य की मृत्यु हो जाती है तो ऐसी स्थिति में उसके आश्रितों को राजस्थान अधिवक्ता कल्याण कोष अधिनियम के तहत कम से कम दो लाख पचास हजार रुपए देय होगा.
सरकार के भेजे गए 10 करोड़ रुपए
साधारण सभा द्वारा सर्वसम्मति से बार काउंसिल ऑफ राजस्थान की कार्यकारिणी समिति की 12 मई को हुई बैठक में दस करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति राज्य सरकार को भिजवाई जा चुकी है. जिसका अनुमोदन कर दिया गया है. इस स्कीम के तहत यह राशि उन अधिवक्ताओं में वितरित की जाएगी जो कि राजस्थान अधिवक्ता कल्याण कोष के सदस्य नहीं हैं. इस स्कीम के तहत जो अधिवक्ता कोरोना महामारी से ग्रसित रहे हैं तथा वे अस्पताल में सरकारी या निजी भर्ती रहे हैं. उन्हें अधिकतम 25 हजार रुपये तक की अनुग्रह राशि के रूप में सहायता प्रदान की जाएगी. निधन होने पर उनके नॉमिनी या लीगल हायर को 1 लाख रुपए तक की अनुग्रह राशि के रूप में सहायता प्रदान की जाएगी.
पढ़ेंःCOVID-19 : महामारी से जंग में 1000 डॉक्टर और 25 हजार नर्सिंगकर्मी भर्ती करेगी गहलोत सरकार
इन दोनों स्कीमों को अधिवक्ताओं के हितार्थ को ध्यान में रखते हुए दिनांक 22 मार्च 2020 से लागू करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया. इसके लिए एक समिति गठित करने का निर्णय भी लिया गया है जिसमें न्यासी समिति राजस्थान अधिवक्ता कल्याण कोष समिति के 3 सदस्य एवं 2 सदस्य अध्यक्ष बीसीआर द्वारा नामांकित सदस्य शामिल होंगे.
बार कौंसिल ऑफ राजस्थान की असाधारण सभा की बैठक में इन्द्र राज चौधरी, वाइस चेयरमैन, सुरेश चंद्र श्रीमाली को.चेयरमैन बार काउंसिल ऑफ इंडिया, रतन सिंह राव, डा सचिन आचार्य, राम प्रसाद सिंगारिया, हरेंद्र सिंह सिनसिनवार, जगमाल सिंह चौधरी, नवरंग सिंह चौधरी, रणजीत जोशी, सैयद शाहिद हसन, सुशील कुमार शर्मा, संजय शर्मा, चिरंजीलाल सैनी, डॉ. महेश शर्मा, भुवनेश शर्मा, राजेश पवार, सुनील बेनीवाल, योगेंद्र सिंह शक्तावत, जीडी बंसल, कपिल प्रकाश माथुर, बलजिंदर सिंह संधु एवं देवेंद्र सिंह राठौड़ ने हिस्सा लिया.