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World Liver Day: लीवर संबंधित परेशानियों की समय पर पहचान जरूरी, नजर अंदाज करने से हो सकता है कैंसर

World Liver Day: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, भारत में लीवर की बीमारियां मृत्यु का 10वां सबसे आम कारण है. लोगों को मानव शरीर में लीवर यानी यकृत में खराबी से होने वाले रोगों और स्वस्थ लीवर के फायदों के महत्व के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल दुनिया भर में 19 अप्रैल को 'विश्व लीवर दिवस' मनाया जाता है. पढ़िए ये रिपोर्ट...

World Liver Day
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Published : Apr 19, 2022, 1:55 PM IST

जयपुर. लीवर या यकृत से संबंधित बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 19 अप्रैल को विश्व लीवर दिवस (World Liver Day) मनाया जाता है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान के मुताबिक मस्तिष्क को छोड़कर लीवर शरीर का दूसरा सबसे बड़ा और सबसे जटिल अंग है. यह शरीर के पाचन तंत्र का एक प्रमुख हिस्सा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक भारत में लीवर की बीमारी मौत का 10वां सबसे आम कारण है. हेपेटाइटिस A, B, C, शराब और ड्रग्स के कारण लीवर की बीमारियां हो सकती हैं. वायरल हेपेटाइटिस, दूषित भोजन-पानी के सेवन, असुरक्षित यौन व्यवहार और नशीली दवाओं के सेवन के कारण भी लीवर को नुकसान होता है.

जाहिर है शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में शामिल लीवर के स्वस्थ न होने पर कई तरह की बीमरियों की शुरूआत हो जाती है. शरीर के गंदगी को शरीर से बाहर निकालने और और खून का साफ करने वाले लीवर पर जीवनशैली का सीधा प्रभाव पड़ता है. लीवर से जुड़ी परेशानियां नजर अंदाज करना कैंसर का कारण बन सकता है. कैंसर विशेषज्ञों के मुताबिक लीवर के अस्वस्थ होने पर लक्षण अगर स्थाई हो और लंबे समय तक ठीक न हो, तो ऐसे में कैंसर रोग विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेना चाहिए.

नजर अंदाज करने से हो सकता है कैंसर

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इन लक्षणों की पहचान है जरूरी :पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द, पेट में सूजन, आंखों और त्वचा का पीला पड़ना, बुखार, थकान, दुर्बलता, पीला या भूरा रंग का मूत्र, भूख न लगना, मतली या उल्टी, अचानक वजन का घटना. ये सभी लक्षण लीवर कैंसर (symptoms of liver cancer) के हैं, जो लीवर के अस्वस्थ होने का इशारा है. अगर इनमें से कोई भी लक्षण लंबे वक्त तक ठीक न हो तो फिर कैंसर रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना जरूरी है.

एडवांस स्टेज में हो रही पहचान: लीवर कैंसर विशेषज्ञों के मुताबिक जागरूकता की कमी के चलते रोगी को लीवर कैंसर की पहचान रोग के बढ़ जाने के बाद (एडवांस स्टेज) में होती है. यही कारण है कि इस रोग में मृत्युदर अधिक है. ग्लोबोकैन की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल 34,743 लीवर कैंसर के रोगी दर्ज होते हैं. वहीं, इस कैंसर से साल में 33,793 लोगों की मृत्यु हो रही है.

शरीर में यह काम करता है लीवर: मानव शरीर में खास अंग है और हमारे शरीर के पाचन तंत्र का प्रमुख भाग है. मानव जो कुछ भी उपभोग करता है, वह यकृत से होकर गुजरता है. यह संक्रमण से लड़ता है, विषाक्त पदार्थों को निकालता है, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है, रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है, प्रोटीन बनाता है और पाचन में मदद करने के लिए पित्त का रिसाव करता है. यह देखा गया है कि 75 फीसदी यकृत को सुरक्षित रूप से हटाया जा सकता है क्योंकि इसमें फिर से विकसित होने की क्षमता है. इसलिए यकृत की देखभाल करने के लिए, किसी को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने और प्रोटीन, अनाज, डेयरी उत्पाद, फल, सब्जियां और वसा का संतुलित आहार लेने की आवश्यकता होती है.

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इस तरह से स्वस्थ रखें लीवर: अगर किसी शख्स को अपना लीवर बेहतर रखना है तो फिर उन्हें खाने में लहसुन, अंगूर, गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियां, सेब और अखरोट को शामिल करना होगा. इसी के साथ की जैतून का तेल, नींबू का रस और ग्रीन टी भी बेहतर यकृत के लिए फायदेमंद साबित होते हैं।.फूलगभी, पत्ता गोभी, ब्रोकली और बाजरा जैसे अनाज भी इसके लिए फायदेमंद रहते हैं. इसी तरह से खाने में मसालों के रूप में हल्दी का इस्तेमाल लीवर के लिए जरूरी है. बेहतर लीवर के लिए जरूरी है कि आप संतुलित आहार लें और नियमित व्यायाम करें.

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