जयपुर. राजस्थान में साल 2023 (Rajasthan assembly election 2023) के अंत में विधानसभा चुनाव से पहले समाज और जातियों ने राजनीतिक प्रतिनिधित्व को लेकर अपनी आवाज बुलंद करना शुरू कर दिया है. खासतौर पर गुर्जर व एमबीसी समाज में इसके लिए राजनीतिक चेतना जागृत कर अपनी सियासी शक्ति दिखाने का काम शुरू कर दिया है. इसकी अगुवाई कोई और नहीं बल्कि गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी बैंसला के पुत्र विजय बैंसला कर रहे हैं. बैंसला के ट्वीटर पर डाले गए पोस्ट इसका उदाहरण है.
राजनीतिक दल एमबीसी जातियों को सियासी रूप से नहीं गांठ रहे- बैंसला
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला राजस्थान में गुर्जर आरक्षण आंदोलन के जनक रहे हैं. अब उनके पुत्र विजय बैंसला एमबीसी समाज को चुनाव से पहले अपनी ताकत पहचानने के लिए जागृत कर रहे हैं. इसके पीछे भी उनका खुद का सियासी मकसद हो सकता है, लेकिन समाज को भी राजनीतिक रूप से जगाने का काम कर रहे हैं.
हाल ही में उन्होंने एक पोस्ट डाला जिसमें राजस्थान के नक्शे में उन सीटों को दर्शाया गया जो गुर्जर व एमबीसी समाज से जुड़ी जातियों के लिहाज से बाहुल्य है. इसमें 73 विधानसभा सीटों की सूची भी जारी की गई. इसमें लिखा कि राजस्थान की राजनीति का 36 प्रतिशत बल इन विधानसभाओं से ही आता है. ऐसे में संबंधित जातियां अपने बल को पहचाने.
विजय बैंसला से जब इस संबंध में बात की गई, तो उन्होंने कहा राजस्थान में सभी राजनीतिक दल गुर्जर सहित एमबीसी समाज को राजनीतिक रूप से नहीं गांठ रहे या फिर इन समाजों की उपेक्षा हो रही है. जबकि 70 से अधिक विधानसभा सीटों पर यह समाज हार और जीत तय करता है. ऐसे में जनजागृति के जरिए ही समाज के लोगों में राजनीतिक शक्ति का एहसास कराया जा रहा है.