जयपुर. कोरोना संक्रमण के लंबे दौर का बुरा असर राजस्थान के पर्यटन उद्योग पर भी पड़ा है. अनलॉक के बाद अब प्रदेश का पर्यटन उद्योग फिर से खड़ा होने लगा है.
पयर्टन विभाग (tourism department) ने राजस्थान के हेरिटेज को नया रूप देने के लिए नई गाइड लाइन जारी की है. नई गाइड लाइन के अनुसार सरकार के स्वामित्व वाले राजस्थान के प्राचीन किलों और हवेलियों का संरक्षण किया जाएगा.
पर्यटन विभाग ने जारी की हेरिटेज गाइड लाइन इसके तहत इन संपत्तियों को हेरिटेज होटल का रूप दिया जा रहा है. वर्तमान में देश भर में संचालित हेरिटेज होटलों में से दो तिहाई हेरिटेज होटल राजस्थान में संचालित हो रहे हैं. राजस्थान पर्यटन नीति 2020 के तहत हेरिटेज टूरिज्म को बढ़ावा देने का प्रावधान किया गया था. इसी को मजबूत करने के लिए हेरिटेज गाइड लाइन जारी की गई है.
पढ़ें-Tourism की बहार : लेक सिटी उदयपुर फिर पर्यटन से गुलजार...रविवार को भी अनलॉक करने की मांग
पर्यटन विभाग के अनुसार हेरिटेज सर्टिफिकेट प्राप्त संपत्ति को कई लाभ दिए जाएंगे. जिसमें नियमन शुल्क, आबकारी शुल्क, स्टांप ड्यूटी, शहरी विकास कर आदि में छूट उपलब्ध कराई जाएगी. बता दें कि पर्यटन विभाग की ओर से 2016 में जारी गाइड लाइन के मुकाबले नई गाइड लाइन को सरल बनाया गया है. होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलदीप चंदेला ने बताया कि राजस्थान सरकार ने जब से हेरिटेज होटल्स को मान्यता दी है, तब से राजस्थान में पर्यटन उद्योग में इजाफा हुआ है.
नई गाइड लाइन के अनुसान जर्जर और पुरानी हो चुकी हवेलियों को नया जीवनदान मिलेगा. कुलदीप चंदेला ने बताया कि जो लोग हेरिटेज संपत्तियों को रेस्टोरेंट या म्यूजियम में कन्वर्ट करना चाहेंगे उन्हें तहसीलदार स्तर पर 1 महीने में मान्यता मिल जाएगी.
नई गाइड लाइन के मुताबिक 1 जनवरी 1950 से पहले बनी इमारत, किले या महल को हेरिटेज प्रॉपर्टी माना जाएगा. इन इमारतों को हेरिटेज का सर्टिफिकेट पहले ऑफलाइन जारी किया जाता था. अब यह सर्टिफिकेट ऑनलाइन भी जारी किया जाएगा.
नाइट टूरिज्म को लेकर वर्चुअल बैठक
राजस्थान में रात्रि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी पर्यटन विभाग लगातार प्रयास कर रहा है.इसको लेकर पर्यटन विभाग के निदेशक निशांत जैन की अध्यक्षता में वर्चुअल बैठक भी हुई. बैठक का उद्देश्य राजस्थान में एडवेंचर टूरिज्म के साथ ही नाइट टूरिज्म को बढ़ावा देने को लेकर चर्चा हुई.बैठक में विभागीय उच्च अधिकारी एवं राज्य के क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारी भी शामिल हुए.