जयपुर.राजधानी की मानसरोवर थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए चलती हुई कार में युवती के साथ गैंगरेप करने के प्रकरण में फरार चल रहे तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है. अब तक इस पूरे प्रकरण में पुलिस द्वारा कार्रवाई करते हुए कुल 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं प्रकरण में अभी भी 6 आरोपी फरार चल रहे हैं, जिनकी तलाश में पुलिस की टीम जुटी हुई है.
चलती कार में गैंगरेप घर के अश्लील वीडियो बदमाशों द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल किया गया, जो कि यूपी का बताया गया. जयपुर पुलिस द्वारा जब प्रकरण में पड़ताल की गई तो वह वीडियो यूपी का ना होकर जयपुर का पाया गया. इसके बाद पुलिस ने प्रकरण को सुलझाने के लिए 1000 लोगों से पूछताछ की. अनेक रिकॉर्ड खंगाले तब जाकर पुलिस उस दलाल तक पहुंची, जिसने युवती को जयपुर भेजा था. दलाल द्वारा 15 अक्टूबर को युवती को जयपुर भेजा गया था और उसे मानसरोवर स्थित एक होटल में ठहराया गया. उसके बाद 19 अक्टूबर को आरोपी उसे सेज की ओर ले गए और चलती हुई कार में उसके साथ गैंगरेप किया गया.
यह भी पढ़ें-प्रदेश में 193 न्यायिक अधिकारियों के तबादले, हाईकोर्ट ने जारी किए आदेश
प्रकरण में कार्रवाई करते हुए जयपुर पुलिस द्वारा सोमवार को दलाल संजू बंगाली और अभिषेक राठौड़ को गिरफ्तार किया गया. इन दोनों आरोपियों की निशानदेही पर मंगलवार देर रात को मानसरोवर थाना पुलिस ने सत्यनारायण जाट, मोंटू केसरी और भवानी सिंह गुर्जर को गिरफ्तार किया है. वहीं इस पूरे प्रकरण में अभी भी 6 आरोपी फरार चल रहे हैं, जिनकी तलाश में पुलिस की टीम जुटी हुई है. सोमवार को जयपुर पुलिस द्वारा प्रकरण का खुलासा करने के बाद तीनों आरोपी फरार हो गए थे, जिन्हें टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर अलवर से पकड़ा गया है. आरोपियों द्वारा अलग-अलग ऐप के माध्यम से वीडियो वायरल किया गया है. उसके बारे में भी पुलिस वाला पड़ताल की जा रही है.
नौकरी लगाने का झांसा देकर ठगी
राजधानी जयपुर में नौकरी लगाने का झांसा देकर बेरोजगार लोगों से ठगी के प्रकरण लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. सरकारी नौकरी लगाने का झांसा देकर 65 लाख रुपए की ठगी करने का एक नया प्रकरण मुहाना थाने में दर्ज कराया गया है. ठगी के प्रकरण को लेकर बनवारी लाल मीणा द्वारा मुहाना थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई है. शिकायत में इस बात का जिक्र किया गया है कि वह अपने साथी हरीश के साथ मिलकर कॉलिंग और डेटा सेंटर का संचालन करता है. इस दौरान 2 साल पहले उसकी मुलाकात दीपक चौधरी, मनीष, अरुण, विकास त्यागी और स्वाति चौधरी से हुई.
यह भी पढ़े- कोरोना वैक्सीन मामले में गरमाई सियासत, राजेंद्र राठौड़ ने लगाया प्रदेश सरकार पर यह आरोप
आरोपियों ने दिल्ली में अनेक मंत्रियों और बड़े अफसरों से जान पहचान होना बताकर मोबाइल में कुछ लोगों से की गई चैट दिखाई और साथ ही कॉल सेंटर में काम करने वाले लोगों की सरकारी नौकरी लगाने की बात कही. सरकारी नौकरी लगाने के एवज में प्रति व्यक्ति 12 लाख रुपए की डिमांड की गई. ठगों के झांसे में आकर पीड़ित ने अपने परिचित करीब 26 युवकों से बात करके कुल 65 लाख रुपए और दस्तावेज जमा करवा दिए. दस्तावेज और लाखों रुपए की राशि जमा कराने के बाद भी जब काफी लंबे समय तक युवाओं की सरकारी नौकरी नहीं लगी, तो पीड़ित ने ठगों से संपर्क करने का प्रयास किया. इस पर ठगों के मोबाइल फोन बंद है और उसके बाद पीड़ित द्वारा मुहाना थाने में ठगी का प्रकरण दर्ज करवाया गया. फिलहाल पुलिस प्रकरण की जांच में जुटी हुई है.