राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

प्रदेश के पेयजल परियोजनाओं की अब Mobile App से होगी मॉनिटरिंग - पेयजल परियोजनाओं की मॉनिटरिंग मोबाइल एप से

प्रदेश में अब पेयजल परियोजनाओं की मॉनिटरिंग मोबाइल एप से की जाएगी. पीएचईडी विभाग की जल एवं स्वच्छता सहयोग संगठन के कार्यालय में हुई समीक्षा बैठक में प्रमुख शासन सचिव ने इसकी जानकारी दी. इस बैठक में पेयजल प्रबंधन कोे लेकर भी जानकारी दी गई.

Drinking Water Project Mobile App, पेयजल परियोजनाओं की मॉनिटरिंग मोबाइल एप, drinking water projects Monitoring with mobile app
पेयजल परियोजनाओं की मॉनिटरिंग मोबाइल एप से की जाएगी

By

Published : Jul 7, 2020, 12:30 AM IST

जयपुर.प्रदेश में अब पेयजल परियोजनाओं के हर चरण की मॉनिटरिंग मोबाइल एप से की जाएगी. इसके लिए ' प्रो-एमआईएस मॉड्यूल के तहत एक खास मोबाइल ऐप तैयार किया गया है. इसके मोबाइल एप माध्यम से प्रोजेक्ट की हर स्टेज पर जियो टैगिंग के साथ फोटोग्राफ्स भी लिए जाएंगे.

यह जानकारी पीएचईडी विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने सोमवार को झालाना स्थित जल एवं स्वच्छता सहयोग संगठन के कार्यालय में हुई समीक्षा बैठक में दी. उन्होंने कहा कि एप को इसी महीने रोल आउट किया जाएगा. राजेश यादव ने बताया कि, इस मोबाइल एप से प्रोजेक्ट के सभी चरणों के काम और गुणवत्ता पर भी नजर रहेगी. इस मोबाइल एप के अतिरिक्त विभाग ने अधिशासी अभियंताओं और जूनियर केमिस्ट स्तर के अधिकारियों तक मैसेजिंग में उपयोग के लिए गवर्नमेंट इंस्टैंट मैसेजिंग सिस्टम (जिम्स) नाम से भी एक एप भी बनाया है. इस पर विभाग की अंदरूनी सूचना भेजी जा सकेगी. आंतरिक सूचनाओं के लिए व्हाटसअप का उपयोग नहीं किया जाएगा. यह एप भी इसी महीने लांच होगा.

पेयजल परियोजनाओं की मॉनिटरिंग मोबाइल एप से की जाएगी

राजेश यादव ने बताया कि हेड पंप रिपेयरिंग अभियान की प्रगति के दौरान प्रदेश में जिन हैंड पंपों की जियो टैगिंग हो गई है. उनका डाटा आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और रिटायर्ड शिक्षकों से जांच कराई जाए. उन्होंने ब्लॉक स्तर पर जल प्रयोगशाला की स्थापना के लिए टेंडर भी जल्द करने के निर्देश दिए.

ये पढ़ें:लेबर एम्लॉयमेंट एक्सचेंज पोर्टल पर 55 लाख से अधिक श्रमिकों का डेटा, श्रम मंत्री ने दी जानकारी

बैठक में पेयजल प्रबंधन की भी समीक्षा की गई बैठक में टैंकरों से जल पहुंचाने की जानकारी भी दी गयी. बैठक में बताया गया कि, प्रदेश के 52 शहरों में 570 टैंकर से 3898 ट्रिप और ग्रामीण क्षेत्रों में 1498 टैंकरों से 5917 ट्रिप से प्रतिदिन पानी पहुंचाया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में 2596 गांव और 3700 ढाणियों में टैंकरों से पानी पहुंचाया जा रहा है.

राजेश यादव ने बताया कि 1 अप्रैल से चल रहे 44वें हैडपंप मरम्मत अभियान के तहत शहरी क्षेत्रों में 7947 और ग्रामीण क्षेत्रों में 58969 हैंडपंपों की मरम्मत कर दी गई है. इसके अलावा 1348 हेडपंप, 1282 ट्यूबवेल और 100 सिंगल फेज ट्यूबवेल भी खोदे गए. यादव ने बताया कि, राज्य से नियंत्रण कक्ष में अब तक 1265 में से 1214 और जिलों में कार्यरत नियंत्रण कक्षों में 13520 शिकायतों में से 13417 शिकायतों का समाधान किया जा चुका है.

ये पढ़ें:टिड्डियों के हमले से किसानों को बचाना पहली चुनौती, यह राजनीति का विषय नहीं: कृषि मंत्री

बैठक में जोधपुर क्षेत्र में 190 किलोमीटर लंबी राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल और प्रदेश के बड़े रिजर्वयर्स, अन्य जगह पर सोलर पैनल लगाने पर भी चर्चा की गई. ताकि बिजली की बजत हो और अतिरिक्त उर्जा भी उत्पादन किया जा सके. राजेश यादव ने बताया कि, राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल क्षेत्र में 110 मेगा वाट का सोलर प्लांट लगाकर ऊर्जा का उत्पादन हो सकता है. अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में ऐसे करीब 140 पंपिंग स्टेशन है, जहां 75 किलोवाट के सोलर संयंत्र लागाए जा सकते हैं. बैठक में जल जीवन मिशन, बजट घोषणाओं की प्रगति, जल संरक्षण के कार्य, मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के लिए वाटर सप्लाई पॉलिसी, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और जिका के सहयोग से संचालित योजनाओं के बारे में भी चर्चा की गई.

समीक्षा बैठक में बताया गया कि, विभाग की ओर से 'राज काज' एप्लीकेशंस के तहत एपीए मॉड्यूल का इस्तेमाल भी वार्षिक कार्य मूल्यांकन और लीव एप्लीकेशन से जुड़े कार्य के लिए किया जाएगा. पीएचईडी के सभी तरह के कामों के लिए एक यूनिफाइड बीएसआर बनाई जाएगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details