जयपुर.जिले में बाल गृह में लैंगिक हिंसा के मामले में सामाजिक संगठन ने पॉक्सो की धारा में मामला दर्ज करने की मांग की हैं. PUCL ने कहा कि बच्चों के लिए बनाई गई संस्थानों में बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न की शिकायतें थम सी नहीं रही हैं. बहुत ही शर्मनाक बात है कि मासूम उम्र के बच्चों के लिए बनाया गया सुरक्षित स्थान स्कूल और बाल गृहों ही यौनिक हिंसा के केंद्र बन रहे हैं. पिछले महीने में कई घटनाएं उजागर हुई और अब अनाथ आश्रम में 20 में से 7 बच्चों के साथ यौनिक हिंसा की गई.
बाल कल्याण इकाई सवालों में
बाल गृह में खुल्लम खुला नियमों का उल्लंघन किया गया है. यह एक दिन की लापरवाही तो नहीं हो सकता की कोई अधीक्षक, काउंसर नहीं रखा गया. बाल गृह में एक केयर टेकर 9 से 5 बजे ड्यूटी कर चला जाता है.बच्चे लौट कर शराब पार्टी कर रहे हैं इत्यादि. सवाल है की क्या बाल कल्याण समिति ने यह सब क्यों नहीं परखा. यह बात गले से नही उतरती है कि पिछले महीने के निरीक्षण में कुछ नहीं निकला. स्पष्ट है कि बाल कल्याण समिति ने भी पूर्णरूप से नियमों जो लागू नहीं हो रहे थे. अनदेखी की की गई है. सवाल जिला बाल कल्याण संरक्षण इकाई के ऊपर भी उठता है कि उन्होंने क्या किया.
पॉक्सो धारा जुड़े
पीयूसीएल ने कहा कि FIR में यौन अपराध में लिप्त आरोपियों के खिलाफ एफआईआर (390/2021 कोतवाली थाना) जरूर दर्ज की गई है लेकिन आश्रम के प्रधान, पदाधिकारी और कार्मिक जो इस बाल गृह को चला रहे थे. उनके खिलाफ भी पॉक्सो की धारा जोड़नी चाहिए.