जयपुर: प्रदेश में कोयले की कमी से बिजली संकट गहरा गया है. लेकिन जयपुर (Jaipur) के कई सरकारी संस्थान बिजली के अभाव में भी जगमगाते रहते हैं. न इन संस्थानों को बड़े-बड़े बिजली के बिल की चिंता सताती है, और न ही अघोषित बिजली की कटौती. जयपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (Smart City Project) के तहत सोलर प्लांट लगाए जा रहे हैं. इससे ना सिर्फ बिजली बल्कि रेवेन्यू जनरेट हो रहा है.
अब तक करीब 80 लाख 50 हजार यूनिट बिजली सरकारी संस्थानों में लगाए गए सोलर प्लांट से जनरेट की जा चुकी है. जिससे स्मार्ट सिटी लिमिटेड को 5 करोड़ 37 लाख से ज्यादा का रेवेन्यू प्राप्त हुआ है. निगम कार्यालय, यूनिवर्सिटी, सरकारी अस्पताल समेत 30 सरकारी इमारतों में लाइट, एसी, कूलर, पंखे, कंप्यूटर इसी सोलर प्लांट की बिजली से चल रहे हैं और लाखों के बिजली बिल की बचत हो रही है.
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इस संबंध में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट सीईओ अवधेश मीणा ने बताया कि स्मार्ट सिटी मिशन का एक लक्ष्य था कि अक्षय ऊर्जा को प्रमोट करें. और पारंपरिक ऊर्जा की खपत को कम करें. अब तक 5 चरणों में रूफटॉप सोलर प्लांट (Rooftop Solar Plant) लगाए गए हैं. सरकारी दफ्तर, अस्पताल और पब्लिक बिल्डिंग्स में सोलर पैनल इंस्टॉल किए गए हैं. अब तक 4100 किलोवाट कैपेसिटी के प्लांट लगाए हैं और तकरीबन 1500 किलोवाट के पैनल लगाने का काम चल रहा है.
सोलर पैनल प्रोजेक्ट 1st फेज़ : संस्थान कैपेसिटी लागतग्रेटर नगर निगम 40 किलोवाट 32 लाखचौगान स्टेडियम 30 किलोवाट 24 लाखचौगान गैराज 30 किलोवाट 24 लाख
सोलर पैनल प्रोजेक्ट 2nd फेज़ :संस्थान कैपेसिटी लागतपीजी कॉलेज ऑफ कॉमर्स 150 किलोवाट 1 करोड़ 3 लाखपीजी कॉलेज ऑफ सोशल साइंस 150 किलो वाट 1 करोड़ 3 लाखसेंट्रल लाइब्रेरी 100 किलोवाट 69 लाखलॉ कॉलेज 200 किलोवाट 1 करोड़ 38 लाखविज्ञान भवन 150 किलोवाट 1 करोड़ 35 लाखह्यूमनिटी बिल्डिंग 100 किलोवाट 69 लाखफाइन आर्ट्स 100 किलोवाट 69 लाख
सोलर पैनल प्रोजेक्ट 3rd फेज़ :संस्थान कैपेसिटी लागतमहारानी कॉलेज 300 किलोवाट 1 करोड़ 80 लाखमहाराजा कॉलेज 100 किलोवाट 60 लाखगवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज 50 किलोवाट 30 लाखगवर्नमेंट ITI कॉलेज 50 किलोवाट 30 लाखSMS स्टेडियम 100 किलोवाट 60 लाखशूटिंग रेंज जगतपुरा 60 किलोवाट 36 लाखकॉमर्स कॉलेज 100 किलोवाट 60 लाखपोद्दार कॉलेज 50 किलोवाट 30 लाखराजस्थान कॉलेज 100 किलोवाट 60 लाखRTO ऑफिस बिल्डिंग 50 किलोवाट 30 लाखRTO जगतपुरा 20 किलोवाट 12 लाख
सोलर पैनल प्रोजेक्ट 4th फेज़ :संस्थान कैपेसिटी लागतSMS अस्पताल-कॉलेज 1000 किलोवाट 4 करोड़ 50 लाखरिजर्व पुलिस लाइन 300 किलोवाट 1 करोड़ 35 लाखजेके लोन अस्पताल 300 किलोवाट 1 करोड़ 35 लाखजनाना अस्पताल 100 किलोवाट 45 लाखकलेक्ट्रेट कार्यालय 200 किलोवाट 90 लाखगणगौरी अस्पताल 100 किलोवाट 45 लाख
सोलर पैनल प्रोजेक्ट 5th फेज़ : संस्थान कैपेसिटी लागत हेरिटेज नगर निगम 100 किलोवाट 36 लाखमेंटल हॉस्पिटल 140 किलोवाट 50 लाख 40 हज़ारजयपुरिया हॉस्पिटल 275 किलोवाट 99 लाखपांचवें चरण में 1500 किलोवाट कैपेसिटी में से 975 किलोवाट का एग्रीमेंट हो चुका है. जबकि 525 किलोवाट का एग्रीमेंट होना बाकी है. स्मार्ट सिटी सीईओ ने बताया कि इन इमारतों में जो बिजली की खपत कम होती है. उससे बिजली बिल में भी बचत होगी. इस बचत को 50 फ़ीसदी स्मार्ट सिटी लिमिटेड के साथ शेयर किया जाता है. उन्होंने बताया कि पांचवें चरण में निगम जोन कार्यालय (आदर्श नगर, मानसरोवर, मालवीय नगर ) रविंद्र रंगमंच, पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट में काम ऑपरेशनल है. इसके अलावा शहर के पब्लिक टॉयलेट्स और वार्ड कार्यालयों तक में सोलर पैनल लगाने की प्लानिंग की जा रही है.
कहा जा सकता है कि बिजली संकट को दूर करने के लिए सौर ऊर्जा का सहारा लेकर सरकारी दफ्तरों को सूरज की रोशनी से जगमग किया जा रहा है. जो न सिर्फ इन सरकारी संस्थानों बल्कि स्मार्ट सिटी के लिए भी फायदे का सौदा साबित हो रहा है. और यदि इस प्रयोग को दूसरे शहरों में भी लागू किया जाता है, तो ये बिजली संकट के इस दौर में वरदान साबित होगा.