जयपुर. ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट पर चल रही सियासत के बीच सीएम अशोक गहलोत के बयान पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि ईआरसीपी पर राजनीति छोड़ (Shekhawat on ERCP Project) समाधान की दिशा में आगे बढ़ने से ही इस योजना को आगे बढ़ाया जा सकता है. शेखावत ने कांग्रेस नेताओं को इस मामले में मीडिया में बयान देने के बजाए दिल्ली आकर प्रोजेक्ट के तकनीकी पहलुओं पर चर्चा कर समाधान की दिशा में आगे बढ़ने की नसीहत दी है. गुरुवार को जयपुर में एक निजी होटल में हुई जल जीवन मिशन की बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने यह बात कही.
दरअसल, जल जीवन मिशन की इस बैठक में राजस्थान के सभी 25 सांसदों को आमंत्रित किया गया था. जिस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार रात ट्वीट करके लिखा था कि सभी सांसद बैठक में ईआरसीपी प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट का दर्जा देने के संबंध में प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भी भेजें. सीएम के इसी बयान पर मीडिया से बात करते हुए शेखावत ने कहा कि इस प्रोजेक्ट की संकल्पना भी भाजपा की ही सरकार के कार्यकाल में हुई थी. जिसमें पार्वती चंबल और कालीसिंध की नदियों को जोड़ने का प्रस्ताव भी था. शेखावत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इआरसीपी को लेकर जो प्रोजेक्ट तैयार किया है, उसकी डीपीआर तक पास नहीं हो पाई है और प्रोजेक्ट भी नियमों के तहत नहीं है. ऐसे में केंद्र सरकार उसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा कैसे दे?.
शेखावत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 50 फीसदी डिपेंडेंसी के आधार पर ही यह प्रोजेक्ट बना डाला, जबकि नियमों के तहत 75 फीसदी डिपेंडेंसी के आधार पर प्रोजेक्ट बनना था. शेखावत ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि वह 2,00000 हेक्टेयर सिंचाई के आधार पर (Eastern Rajasthan Canal Project Condition in Rajasthan) इस प्रोजेक्ट का जो प्रपोजल दिया है, उसे वापस लेकर 75 फीसदी डिपेंडेंसी के आधार पर प्रोजेक्ट दें. हम विश्वास दिलाते हैं कि केंद्र सरकार अति शीघ्र पूरी सकारात्मकता से उस पर निर्णय करेगी. लेकिन इसके पहले प्रदेश सरकार को करना चाहिए.
राजस्थान का कोई मंत्री मेरे कार्यालय नहीं आयाः मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि ईआरसीपी प्रोजेक्ट को लेकर प्रदेश में सियासत तो खूब चल रही है, लेकिन आज तक राजस्थान का कोई मंत्री या अधिकारी इस प्रोजेक्ट को लेकर मेरे कार्यालय या विभाग भी नहीं आया. शेखावत ने कहा मैंने प्रदेश के जलदाय मंत्री महेश जोशी से भी कहा है कि हम इस मामले में राजनीति न करें और बार-बार मीडिया में स्टेटमेंट देने से भी बचें. बल्कि इस प्रोजेक्ट के तकनीकी पहलुओं के समाधान के लिए अधिकारियों के साथ दिल्ली आएं और बैठकर वार्ता करें, ताकि उसके आधार पर इसका समाधान हो सके. शेखावत ने कहा जिस प्रकार का प्रोजेक्ट अभी राजस्थान सरकार ने बनाया है, उसमें संशोधन होना जरूरी है. क्योंकि हम उस प्रस्ताव के आधार पर राज्यो में व्यापक जल संबंधों की चुनौतियां खड़ी नहीं कर सकते. शेखावत ने बताया कि महेश जोशी ने जल्द ही इस मामले में दिल्ली आकर संयुक्त चर्चा करने का आश्वासन दिया है.
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बेनीवाल ने कहा- ईआरसीपी प्रोजेक्ट अटकाने में केंद्र और राज्य दोनों दोषीः वहीं, आरएलपी संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल भी इस बैठक में शामिल हुए. उन्होंने ईआरसीपी प्रोजेक्ट से जुड़ा मामला भी उठाया. बेनीवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि (Hanuman Beniwal Alleged State And Central Government) राजस्थान में ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट अटकाने में केंद्र और राज्य दोनों ही दोषी हैं.
बैठक में नहीं शामिल हुए सभी सांसदः बैठक में राजस्थान के सभी 25 लोकसभा सांसदों को आमंत्रित किया गया था. लेकिन कई सांसद बैठक में शामिल नहीं हुए. करीब 8 सांसदों की बैठक में अनुपस्थिति रही. वहीं, आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल बैठक में शामिल तो हुए लेकिन काफी लेट से. बैठक में प्रदेश के जलदाय मंत्री महेश जोशी भी विभाग के अधिकारियों के साथ शामिल हुए, लेकिन जोशी अपने संबोधन के बाद बैठक से निकल गए.