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जयपुर में राज्य सरकार के बजट से नाराज रोडवेज कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन, दी ये चेतावनी

राजस्थान रोडवेज के 6 श्रमिक संगठनों एटक, सीटू , इंटक, आरएसआरटीसी रिटायर्ड एम्पलाइज एसोसिएशन, बीजेएमएम और कल्याण समिति के रोडवेज कर्मचारियों ने मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया. कर्मचारियों की मांग है कि रोडवेज को 45 करोड़ रुपये प्रतिमाह का अनुदान जारी रखा जाए. कर्मचारियों ने कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

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Published : Feb 25, 2020, 4:25 PM IST

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रोडवेज कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन

जयपुरः राजधानी के सिंधी कैंप बस स्टैंड पर रोडवेज के कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. राज्य सरकार के बजट से नाराज रोडवेज कर्मचारियों ने कहा कि इस बार के बजट में भी सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए.

रोडवेज कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन

कर्मचारियों ने कहा कि यह विरोध प्रदर्शन राज्य सरकार के बजट में रोडवेज उद्योग और रोडवेज कर्मचारियों की मांगों की उपेक्षा के कारण किया जा रहा है. कर्मचारियों ने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि रोडवेज को 45 करोड़ रुपये प्रतिमाह का अनुदान जारी रखा जाए. इसके साथ ही बकाया राशि का एक ही बार में भुगतान किया जाए, रोडवेज में सातवां वेतनमान लागू हो, समस्त बकाया सेवानिवृत्ति परिणामों के भुगतान के लिए बजट में प्रावधान होना चाहिए, रोडवेज बेड़े में 2 हजार नई बसों की खरीद की जाए. वाहन संचालन व्यवस्था से सीधे जुड़े रिक्त पदों पर भर्ती की जाए, भाजपा की तरफ से राष्ट्रीयकृत किए गए सभी मार्गों का वापस राष्ट्रीयकरण किया जाए और प्राइवेट बसों की अवैध संचालन पर सख्ती से रोक लगाई जाए.

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इसी के तहत रोडवेज यूनियन एटक के प्रदेश अध्यक्ष एमएल यादव ने बताया कि कांग्रेस सरकार का यह दूसरा बजट आया है जो कि रोडवेज के कर्मचारियों के लिए निराशाजनक है. इस बजट से रोडवेज के कर्मचारियों में भारी आक्रोश है. मंगलवार को पूरे प्रदेश भर में राजस्थान रोडवेज के 6 संगठनों के संयुक्त मोर्चा की ओर से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. रोडवेज कर्मचारियों को इस बजट से बड़ी उम्मीद थी कि सातवां वेतनमान मिलेगा और रोडवेज में नई 2 हजार बसों की खरीद की जाएगी. वहीं 10 हजार खाली पदों पर भर्ती की जाएगी और 4 हजार सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बकाया भुगतान मिलेगा. लेकिन बजट में इन सभी को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई.

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इसके अलावा रोडवेज के आसपास से प्राइवेट बसों को हटाने का फैसला भी नहीं किया गया. बल्कि रोडवेज को 45 करोड़ पर हर माह मिलने वाले अनुदान के प्रावधान को भी बंद कर दिया गया. इससे लगता है कि सरकार लगातार रोडवेज की उपेक्षा कर रही है. इसी वजह से मंगलवार को रोडवेज कर्मचारियों ने बड़ा विरोध प्रदर्शन किया.
एमएल यादव ने बताया कि 4 मार्च को एक विशाल रैली निकालकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. अगर फिर भी सरकार ने रोडवेज कर्मचारियों की मांगे नहीं मानी तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा, यह आंदोलन हड़ताल की सीमा तक भी जाएगा.

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