जयपुर.केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा किसानों के लिए की गई घोषणा को किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने निराशाजनक बताया है. जाट के अनुसार आत्मनिर्भर अभियान बनाने की बात की जा रही है, लेकिन घोषणा एक करोड़ से अधिक के जो उद्योग धंधे हैं, उनको प्रमोट करने के लिए की जा रही है. गांव के जो छोटे उद्योग है, उनकी कहीं चर्चा ही नहीं है. जाट ने कहा इसका मतलब ये हुआ कि सरसों होगी गांव में और तेल बनेगा शहर में.
यह भी पढ़ें-आर्थिक पैकेज: वित्तमंत्री की दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस, जानिए मुख्य बातें
रामपाल जाट ने एक बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार की इस घोषणा में किसानों को केवल शब्द जाल में फंसाया गया है और शब्दों की इस जादूगरी में किसानों को कुछ नहीं मिला है. रामपाल जाट के अनुसार केंद्र सरकार यदि समर्थन मूल्य पर खरीद को 365 दिन कर देती, तो इससे किसानों को राहत मिलती, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.