जयपुर. राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट और अशोक गहलोत (Gehlot Vs Pilot) गुट के बीच चल रहा वाक युद्ध अपने चरम पर है. मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों (Political Appointment) के लिए चल रहे इस वाक युद्ध में हर दिन पायलट और गहलोत गुट के नेता आमने-सामने हो रहे हैं. हालांकि, सचिन पायलट (Sachin Pilot) की नाराजगी की खबरों के बाद से राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियां देनी शुरू तो हो गई है, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के चलते पूरे प्रदेश की नजर गहलोत मंत्रिमंडल के विस्तार पर ही है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) मंत्रिमंडल विस्तार कब करेंगे. वहीं, मंत्रिमंडल के साथ ही राजस्थान कांग्रेस संगठन का विस्तार भी अटक गया है.
दरअसल, राजस्थान में कांग्रेस संगठन में उन 39 जिला अध्यक्षों की घोषणा 10 महीने गुजर जाने के बाद भी नहीं की जा सकी है. कहा जा रहा था कि जून महीने में जिला अध्यक्ष (District President) भी बना दिए जाएंगे, लेकिन राजस्थान की जो वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियां बनी हैं, उनमें मंत्रिमंडल के साथ ही पायलट कैंप (Pilot Camp) की नजर कांग्रेस संगठन के जिला अध्यक्ष पर भी है. यानी कि जिस तरीके से मंत्रिमंडल में सचिन पायलट अपने कैंप के नेताओं को एडजस्ट करने की मांग कर रहे हैं, वही स्थिति संगठन में भी है.
पायलट गुट संगठन में भी चाहता है हिस्सा... वैसे भी निवर्तमान जिला अध्यक्षों में ज्यादातर जिला अध्यक्ष सचिन पायलट के अध्यक्ष रहे थे और बने थे. ऐसे में ज्यादातर जिला अध्यक्ष सचिन पायलट खेमे के ही माने जाते हैं. अब सचिन पायलट चाहते हैं कि करीब डेढ़ दर्जन जिलों में उनके कार्यकर्ता ही जिला अध्यक्ष बनें. ऐसे में जिला अध्यक्षों को लेकर भी प्रदेश में खींचतान शुरू हो गई है और माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद ही अब जिला अध्यक्षों की घोषणा हो सकेगी.
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ढाई साल गुजरने के बाद अब सबकी नजर चुनाव पर...
राजस्थान में मंत्रिमंडल के साथ ही जिला अध्यक्ष के पद को लेकर भी खींचतान इसलिए मची हुई है, क्योंकि हर किसी को पता है कि सरकार के ढाई साल पूरे हो चुके हैं और डेढ़ साल बाद चुनावों की तैयारी शुरू होने के चलते प्रदेश की राजनीति में संगठन ही हावी होगा. जब चुनाव आते हैं तो जिला अध्यक्षों की भूमिका ही सबसे महत्वपूर्ण हो जाती है. ऐसे में अगर पायलट कैंप के जिला अध्यक्ष होंगे तो जब टिकटों के बंटवारे का समय आएगा तो उसमें भी पायलट कैंप को पूरी वेटेज मिलेगी और अगर पायलट खेमे के जिला अध्यक्ष नहीं होंगे तो टिकट में दखल भी पायलट कैंप की कम ही होगी. ऐसे में सचिन पायलट कैंप की नजर डेढ़ दर्जन जिलों पर है, जिनके जिला अध्यक्ष वह अपने समर्थकों को बनाना चाहते हैं.
प्रदेश कांग्रेस जिला अध्यक्षों की घोषणा अटकी... पायलट ही नहीं, जिला अध्यक्ष बनवाने के लिए अन्य नेता भी कर रहे लॉबिंग...
संगठन में जिला अध्यक्ष का पद काफी महत्वपूर्ण होता है. ऐसे में पायलट कैंप और गहलोत कैंप के साथ ही कांग्रेस के अन्य बड़े नेता भी जिला अध्यक्षों की लॉबिंग में जुट गए हैं. खुद प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी चाहते हैं कि उनकी पसंद के जिला अध्यक्ष बनें, ताकि उन्हें संगठन के कामकाज में दिक्कत ना आए. वहींं, कांग्रेस महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह, मंत्री बीडी कल्ला, रघु शर्मा, जैसे नेता भी अपने-अपने जिला अध्यक्ष बनवाना चाहते हैं.
वहीं, खुले तौर पर तो संवैधानिक पद पर होने के चलते स्पीकर सीपी जोशी (Speaker CP Joshi) अभी कोई मांग नहीं कर रहे, लेकिन जितना बड़ा कद सीपी जोशी का है उस लिहाज से वह भी अंदरखाने अपने गुट के नेताओं को जिला अध्यक्ष बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं. ऐसे में इन तमाम नेताओं की आम राय के बाद ही जिला अध्यक्षों की घोषणा होगी.